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भारत के कई शहरों में प्रदूषण थमने का नाम ही नहीं ले रहा

[Edited By: Rajendra]

Thursday, 30th November , 2023 12:13 pm

दिल्ली की हवा में इस वक्त प्रदूषण तैर रहा है। जिसके कारण खुले में सांस लेने मुश्किल सा हो गया है। जिसके कारण काफी लोग बीमार भी पड़ रहे हैं। आज जब नवंबर का आखिरी दिन है तो पूरे महीने के आंकड़ों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि इस साल नवंबर के महीने में प्रदूषण ने दिल्लीवालों को खूब परेशान किया है। 2015 में एक्यूआई सिस्टम आने के बाद यह नवंबर अब तक का दूसरा सबसे प्रदूषित नवंबर रहा है। 12 सालों बाद नवंबर में इतनी बारिश हुई है। इसके बावजूद भी नवंबर में प्रदूषण ने लोगों को खूब परेशान किया। इस बार नवंबर में गंभीर दिनों की संख्या 9 रही। इनमें दो दिन प्रदूषण का स्तर मेडिकल इमरजेंसी पर भी रहा। साथ ही इस बार नवंबर में मॉनिटरिंग स्टेशनों ने भी राजधानी वालों का साथ कई बार छोड़ा। एक बार तो स्थिति यह रही कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अपना एयर बुलेटिन ही बदलना पड़ा। वहीं एक दिन महज 19 मॉनिटरिंग स्टेशनों के आधार पर एक्यूआई जारी हुआ।

पिछले दो दिनों से दिल्ली वालों को धुंध के साथ कोहरे का भी सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को सुबह के तापमान में भी कमी दर्ज की गई है। वहीं एक्यूआई लेवल में कमी तो आई है, लेकिन अभी यह बेहद खराब श्रेणी में है। कुछ इलाकों आज भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में हैं। । इस बार सितंबर में ही प्रदूषण ने बढ़ना शुरू कर दिया था। अधिकारियों के अनुसार प्रदूषण के लिहाज से जनवरी दूसरा सबसे प्रदूषित माह होता है। अभी तो पूर्वानुमान के मुताबिक हवाएं कमजोर हो सकती हैं। इसकी वजह से प्रदूषण भी एक बार फिर लोगों को परेशान कर सकता है। इस बार दो नवंबर से ही प्रदूषण का स्तर बढ़ता दिखाई दिया। 2 नवंबर को एक्यूआई 392 के स्तर पर पहुंच गया। फॉग न होने की वजह से इस दिन राजधानी में स्मोक रहा। 3 से 9 नवंबर के बीच एक्यूआई लगातार गंभीर स्तर पर रहा। इसमें तीन नंवबर को एक्यूआई 468 और 5 नवंबर को 454 रहा। इसके बाद 8 और 9 नवंबर को यह गंभीर स्तर पर रहा। फिर 16, 17 और 24 नवंबर को प्रदूषण गंभीर रहा। इसके अलावा आठ दिन ऐसे रहे जब एक्यूआई 390 से 400 के बीच रहा। यानी कुल 17 दिनों तक राजधानी के लोगों ने जानलेवा प्रदूषण झेला। 2021 में 11 दिन गंभीर स्तर का प्रदूषण रहा था। इसमें दो दिन प्रदूषण मेडिकल इमरजेंसी पर रहा। दो दिन प्रदूषण 390 से 400 के बीच रहा। यानी लोगों ने सबसे प्रदूषित नवंबर 2021 में भी जानलेवा प्रदूषण महज 13 दिन झेला था।

राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान 12।6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम में औसत से दो डिग्री अधिक है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी। भारत मौसम विज्ञान विभाग के बुलेटिन के अनुसार, दिन के दौरान सामान्यत: बादल छाए रहने और बहुत हल्की बारिश या गरज के साथ वर्षा की संभावना है। सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 96 प्रतिशत थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार, सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 366 दर्ज किया गया। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच एक्यूआई को ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब‘, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ तथा 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। 37 निगरानी केंद्रों में से छह (पंजाबी बाग, बवाना, मुंडका, नेहरू नगर और जहांगीरपुरी) में एक्यूआई ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में जबकि 30 केंद्रों पर ‘‘बेहद खराब’’ श्रेणी में दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के आस पास रहने का अनुमान है।

दिल्ली में ग्रैप 3 की पाबंदियां हटा दी गई हैं और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि ग्रैप 1 और ग्रैप 2 की पाबंदियों का सख्ती से पालन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण का स्तर नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए हैं और उम्मीद है कि फिर से ग्रैप 3 की पाबंदियां लागू करने की जरूरत नहीं होगी। कंस्ट्रक्शन के लिए दिल्ली सरकार के 14 नियमों का पालन करना होगा। अगर कहीं पालन नहीं हुआ तो वहां निर्माण कार्य बंद करवाए जाएंगे। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि 500 स्क्वायर मीटर या इससे ज्यादा क्षेत्रफल वाले निर्माण प्रोजक्ट को वेब पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य है। इसके लिए डीपीसीसी को विशेष अभियान चलने का निर्देश दिया गया है। सभी निर्माण स्थलों पर निर्माण संबंधी 14 नियमों का पालन करना जरूरी है। नियमों को पालन न करने पर टीमें सख्त कार्रवाई करेंगी। इसके लिए 591 टीमें तैनात की गई हैं। सी एंड डी निर्माण साइटों पर एंटी स्मॉग गन की तैनाती संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है।

भारत के कई शहरों में प्रदूषण थमने का नाम ही नहीं ले रहा। ऐसा नहीं कि अब प्रदूषण केवल बड़े शहरों की समस्या रह गई है, इस मामले में छोटे शहर भी पीछे नहीं हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक अंगुल, आरा, बदलापुर, बाड़मेर, बेगूसराय, बीकानेर, बर्नीहाट, छपरा, धौलपुर, जैसलमेर और नागौर में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब है। वहीं दिल्ली में कल के मुकाबले प्रदूषण में कमी देखी गई, जिसके चलते प्रदूषण का स्तर बेहद खराब से 'खराब' श्रेणी में आ गया है। आंकड़ों के अनुसार 11 शहरों में हवा 'बेहद खराब' है। वहीं भरतपुर-हावड़ा सहित 48 शहरों में हालात खराब हैं, जहां प्रदूषण का स्तर 200 के पार है।

जैसलमेर सहित कुछ शहरों में तो स्थिति इतनी खराब हो चली है कि वहां सांस लेना तक दुश्वार हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 नवंबर 2023 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश के 247 में से महज 32 शहरों में हवा 'बेहतर' रही। वहीं 69 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' थी जबकि 87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' रही। बल्लभगढ़-धनबाद सहित 48 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू रहा, जबकि बीकानेर-आरा सहित 11 शहरों में प्रदूषण का स्तर जानलेवा हो गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 94 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 279, चेन्नई में 43, चंडीगढ़ में 239, हैदराबाद में 66, जयपुर में 242 और पटना में 282 दर्ज किया गया।

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