एएमयू में आपत्तिजनक भाषण देने वाले आरोपी शर्जील इमाम को पुलिस ने जहानाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने काको में छापेमारी करते हुए शर्जील को गिरफ्तार कर लिया। बिहार पुलिस शर्जील को जहानाबाद कोर्ट में पेश करेगी। दिल्ली पुलिस ट्रांजिट रिमांड के लिए आवेदन देगी।
25 जनवरी को शर्जील पर अलीगढ़ में एफआईआर दर्ज की गई थी।
शर्जील की मां अफशां रहीम ने बेटे को निर्दोष बताते हुए कहा, ‘‘हम कानून के रखवाले और सम्मानित परिवार से हैं। परिवार ने पीढ़ियों से देश की सेवा की है। पति जदयू के कर्मठ सिपाही थे। पिता 23 साल तक सरपंच रहे। शर्जील कभी भी देश के विभाजन की बात नहीं कर सकता। विरोधियों ने षड्यंत्र के तहत वीडियो से छेड़छाड़ कर झूठे आरोप लगाए हैं। जांच में सभी आरोपी गलत साबित होंगे। सीएए और एनआरसी के विरोध में शाहीन बाग में जारी संघर्ष को कमजोर करने के लिए शर्जील को निशाना बनाया गया।’’
पिता अकबर इमाम के निधन के बाद शरजील के छोटे भाई मुजम्मिल इमाम ने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। वह काफी वक्त तक जेडीयू से जुड़ा रहा। कुछ महीने पहले जेडीयू छोड़ चुका मुज्जमिल भी CAA के विरोध में काफी सक्रिय है। वह भी पटना, जहानाबाद समेत कई जगहों पर नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल रहा और लोगों को इसके विरोध में लामबंद करने में जुटा है।
आईआईटी मुंबई से कम्प्यूटर साइंस में ग्रेजुएट शर्जील जेएनयू में सेंटर फॉर हिस्टॉरिकल स्टडीज में रिसर्च कर रहा है। उसका शैक्षणिक बैकग्राउंड काफी बेहतर रहा है। वह डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में स्थित आईटी यूनिवर्सिटी में प्रोग्रामर की नौकरी कर चुका है। इसके अलावा जुनिपर नेटवर्क कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी रहा है।
शर्जील ने 16 जनवरी को एएमयू में सभा की। इस दौरान कहा था- ‘‘क्या आप जानते हैं कि असमिया मुसलमानों के साथ क्या हो रहा है? एनआरसी पहले से ही वहां लागू है, उन्हें हिरासत में रखा गया है। आगे चलकर हमें यह भी पता चल सकता है कि 6- 8 महीने में सभी बंगालियों को मार दिया गया। हिंदू हों या मुस्लिम। अगर हम असम की मदद करना चाहते हैं, तो हमें भारतीय सेना और अन्य आपूर्ति के लिए असम का रास्ता रोकना होगा।’’
‘‘चिकन नेक मुसलमानों का है। अगर हम सभी एक साथ आते हैं, तो हम भारत से पूर्वोत्तर को अलग कर सकते हैं। यदि हम इसे स्थायी रूप से नहीं कर सकते, तो कम से कम 1-2 महीने के लिए हम ऐसा कर सकते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि भारत से असम को काट दें। जब ऐसा होगा, उसके बाद ही सरकार हमारी बात सुनेगी।’’ चिकन नेक 22 किमी का हाईवे है, जो पूर्वोत्तर राज्यों को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है।