आसनसोल:एक ओर जहां देशभर में कोरोना का आतंक चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री पश्चि बंगाल के आसनसोल में जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि शवों पर राजनीति करने की दीदी की बहुत पुरानी आदत है। ऑडियो क्लिप में ममता बनर्जी सीतलकूची से टीएमसी उम्मीदवार से कथित तौर पर यह कहती सुनाई देती हैं कि वह सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा चलाई गई गोली से मारे गए 4 लोगों के शवों के साथ रैलियां करें। वहीं, टीएमसी ने ऑडियो क्लिप को फर्जी करार दिया है। मोदी ने कहा कि दीदी ओ दीदी..ओ आदरणीय दीदी। इस बार बंगाल के लोगों ने आपके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बार आपको जनता सबक सिखा देगी।
पीएम मोदी ने कहा कि कूचबिहार में जो हुआ, उस पर कल एक ऑडियो टेप आपने सुना होगा। लोगों की दुखद मृत्यु के बाद दीदी किस तरह राजनीति कर रही हैं, ये इस ऑडियो से सामने आता है। इस ऑडियो में कूचबिहार के टीएमसी नेता को कहा जा रहा है कि मारे गए लोगों के शवों के साथ रैली करो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साइकिल से लेकर रेल, कागज से लेकर स्टील, एल्युमिनियम से लेकर कांच तक पूरे भारत के लोग ऐसी फैक्ट्रियों में काम करने के लिए यहां आते हैं। एक तरह से आसनसोल मिनी इंडिया है। भारत के सभी कोनों से लोग यहां देखे जाते हैं। लेकिन बंगाल के गोवंश की कुप्रथा ने आसनसोल को प्रभावित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह खुद को देश के संविधान से ऊपर समझती हैं और दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ने केंद्रीय बलों और सेना तक को ‘‘बदनाम’’ किया और राजनीति के लिए झूठे आरोप लगाए। केंद्र सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण सहित अन्य मुद्दों पर बुलाई गई बैठकों में ममता बनर्जी की अनुपस्थिति को मुद्दा बनाते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि ‘‘दीदी’’ अपने अहंकार में इतनी बड़ी हो गई है की हर कोई उन्हें अपने आगे छोटा दिखता है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अनेक बार अनेक विषयों पर बात करने के लिए बैठकें बुलाई है लेकिन दीदी कोई न कोई कारण बताकर इन बैठकों में नहीं आती हैं। कोरोना वायरस को लेकर बुलाई गई पिछली दो बैठकों में बाकी मुख्यमंत्री आए, लेकिन दीदी नहीं आई। उन्होंने कहा यही नहीं, नीति आयोग की संचालन परिषद और गंगा की सफाई के लिए बुलाई गई बैठकों में भी वह नहीं आईं। उन्होंने कहा किएक दो बार ना आने तो समझ में आता है, लेकिन दीदी ने यही तरीका बना लिया है। दीदी बंगाल के लोगों के लिए कुछ देर का समय नहीं निकाल पाती हैं। यह उन्हें समय की बर्बादी लगता है।