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यूपी में एकमुश्त समाधान योजना बिजली चोरी के मामलों में फंसे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 8th November , 2023 01:32 pm

उत्‍तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की तरफ से शुरू हो रही एकमुश्त समाधान (OTS) योजना बिजली चोरी के मामलों में फंसे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत । बिजली चोरी के मामलों में निस्तारण के लिए इसमें भारी-भरकम रियायत का प्रावधान किया गया है। पावर कॉरपोरेशन एमडी की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक अगर बिजली चोरी में फंसा कोई उपभोक्ता 8 से 30 नवंबर के बीच OTS के लिए पंजीकरण करवाता है, तो उसे राजस्व निर्धारण राशि की 35% रकम जमा करनी होगी। इसमें 10% धनराशि पंजीकरण के समय और 25% राशि 30 नवंबर से पहले जमा करनी होगी। यानी उपभोक्ताओं के बिल का 65% माफ हो जाएगा। वहीं, किस्त का विकल्प लेने पर 40% राजस्व निर्धारण राशि जमा करनी होगी

विभाग की ओर से जारी जानकारी में बताया जा रहा है कि इस योजना का पहला चरण 08 से 30 नवम्बर, दूसरा चरण 01 दिसम्बर से 15 दिसम्बर तथा तीसरा चरण 16 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक चलेगी। इस योजना के अन्तर्गत घरेलू उपभोक्ताओं तथा किसानों का विशेष ध्यान रखा गया है। उन्हें सरचार्ज में 100 प्रतिशत की छूट दी गई है तथा अधिकतम 12 किश्तों में अपने बकाये राशि के भुगतान की सुविधा प्रदान की गई है। इसके तहत समस्त विद्युत भार वाले उपभोक्ता में एल0एम0वी0-1 (घरेलू), एल0एम0वी0-2 (वाणिज्यिक), एल0एम0वी0-4बी (निजी संस्थान), एल0एम0वी0-5 (निजी नलकूप) एवं एल0एम0वी0-6 (औद्योगिक) उपभोक्ताओं को उनके सरचार्ज राशि पर अधिकतम छूट प्रदान की गयी है। साथ ही उपभोक्ताओं को उनके बकाये पर किश्तों में भुगतान की सुविधा प्रदान की गई है। योजना के अन्तर्गत विद्युत चोरी के प्रकरणों में उपभोक्ताओं को भी एकमुश्त भुगतान या किश्तों के माध्यम से भुगतान की सुविधा दी गई है। उन्हें उनके मूल बकाये और जुर्माने की राशि पर 65 प्रतिशत छूट का लाभ दिया गया है।

योजनान्तर्गत एक किलोवाट तक भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं तथा एलएमवी-5 तक के किसान उपभोक्ताओं को 15 दिसम्बर तक बकाये के पूर्ण भुगतान पर सरचार्ज राशि में 100 प्रतिशत तक की छूट तथा इस दौरान बकाये को 12 किश्तों में जमा करने पर 90 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके पश्चात पूर्ण भुगतान पर 80 प्रतिशत तथा 12 किश्तों में भुगतान पर 70 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

इसी प्रकार एक किलावाट से अधिक भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं को एकमुश्त भुगतान के साथ किश्तों में भुगतान के दो विकल्प दिये गये हैं। 30 नवम्बर तक अपने बकाये का पूर्ण भुगतान पर 90 प्रतिशत की छूट, तीन किश्तों में भुगतान पर 80 प्रतिशत की छूट तथा 06 किश्तों में भुगतान पर 70 प्रतिशत की छूट मिलेगी। 01 से 15 दिसम्बर तक पूर्ण भुगतान पर 80 प्रतिशत की छूट, 03 किश्तों में भुगतान पर 70 प्रतिशत तथा 06 किश्तों में भुगतान पर 60 प्रतिशत की छूट, 16 दिसम्बर के बाद पूर्ण भुगतान पर 70 प्रतिशत की छूट, 03 किश्तों में भुगतान पर 60 प्रतिशत तथा 06 किश्तों में भुगतान पर 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसी प्रकार 03 किलोवाट भार तक के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं द्वारा 30 नवम्बर तक अपने बकाये का पूर्ण भुगतान पर 80 प्रतिशत तथा 03 किश्तों में भुगतान पर 70 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके पश्चात के चरणों में दोनों विकल्पों में भुगतान पर क्रमशः 10 प्रतिशत कम की छूट मिलेगी।

इसी प्रकार तीन किलोवाट से अधिक के भार वाले वाणिज्यिक उपभोक्ताओं द्वारा 30 नवम्बर तक पूर्ण भुगतान पर 60 प्रतिशत तथा 03 किश्तों में भुगतान पर 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके पश्चात के चरणों में दोनो विकल्पों में क्रमशः 10 कम की छूट मिलेगी। निजी वाणिज्यिक संस्थानों द्वारा 30 नवम्बर तक अपने बकाये के पूर्ण भुगतान पर 50 प्रतिशत तथा 03 किश्तों में भुगतान पर 40 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके पश्चात के चरणों में दोनों विकल्पों में भुगतान पर क्रमशः 10 प्रतिशत कम की छूट मिलेगी। औद्योगिक उपभोक्ताओं को 30 नवम्बर तक पूर्ण भुगतान पर 50 प्रतिशत तथा 03 किश्तों में बकाये के भुगतान पर 40 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके पश्चात के चरणों में दोनों विकल्पों में भुगतान पर क्रमशः 10 प्रतिशत कम की छूट मिलेगी।

उपभोक्ताओं को अपने बिलों को किश्तों में भुगतान का भी विकल्प दिया गया है। किश्तों को नियत अवधि में जमा न करने पर 12 किश्तों के मामले में अधिकतम कुल 03 डिफाल्ट की अनुमति होगी। किसी भी उपभोक्ता को लगातार 02 डिफाल्ट की अनुमति नही होगी। इसी प्रकार 06 किश्तों के प्रकरण में केवल एक डिफाल्ट की अनुमति होगी तथा 06 किश्तों से कम के मामलों में कोई डिफाल्ट की अनुमति नही होगी।

इस योजना के अन्तर्गत निजी नलकूप के उपभोक्ताओ को उनके 31 मार्च 2023 तक के देय सरचार्ज एवं अन्य सभी अर्ह उपभोक्ताओं को उनके 31 अक्टूबर 2023 तक के देय सरचार्ज मंे छूट प्राप्त होगी। उपभोक्ता योजना अवधि में छूट के बाद देय धनराशि का सीधा भुगतान यूपीआई, जनसेवा केन्द्र, विद्युत सखी, मीटर रीडर, राशन की दुकान, किसी भी विभागीय कैश काउन्टर तथा वेबसाइट uppcl.org पर जाकर ऑनलाइन भुगतान से इस छूट का लाभ ले सकते हैं।

उपभोक्ता पावर कारपोरेशन की वेबसाइट uppcl.org पर जाकर योजना के अन्तर्गत छूट के बाद देय राशि की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते है। बिल पर लिखा खाता सं0 फीड करते ही उपभोक्ता को समस्त विवरण जिसमें देय धनराशि, मूल धनराशि, सरचार्ज में छूट, भुगतान हेतु राशि आदि परिलक्षित होगीं। उपभोक्ता के बिल में यदि संशोधन आवश्यक है तो योजना अवधि में अपने क्षेत्र से सम्बन्धित अधिशाषी अभियन्ता एवं एस0डी0ओ0 कार्यालय अथवा ग्रामीण क्षेत्रो में सी0एस0सी0 केन्द्रों पर जाकर अथवा स्वयं भी उ0प्र0पा0का0लि0 की वेबसाइट uppcl.org के उपभोक्ता कार्नर > सेवा अनुरोध > बिल सुधार अनुरोध में जाकर स्वयं को रजिस्टर कर बिल संशोधन का अनुरोध दर्ज कर सकता है। उपभोक्ता स्वयं भी अपना संशोधित बिल वेबसाइट पर देख सकता है।

विद्युत चोरी के प्रकरणों में उपभोक्ता को देय निर्धारण राशि का 10 प्रतिशत पंजीकरण राशि के रूप में जमा कराना होगा। इसके पश्चात शेष राशि (छूट के बाद) को एकमुश्त अथवा 03 किश्तों में जमा कर सकेगा। इसके लिये नियमित विद्युत संयोजन वाले उपभोक्ता भी अर्ह होगें, जिनके परिसर में चेकिंग के दौरान अनियमितता पाये जाने पर उनके विरूद्ध राजस्व निर्धारिण कर बिल निर्गत किया गया है। स्थाई रूप से विच्छेदित बकायेदारों के प्रकरण तथा विवादित एवं विभिन्न न्यायालयों में लम्बित मामलें भी समाधान हेतु अर्ह होंगे। जिन उपभोक्ताओं के विरूद्ध आर0सी0 निर्गत है, उनको भी इस योजना का लाभ मिलेगा।

जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि बकायेदार उपभोक्ताओं से संपर्क करके उन्हें लाभ दिलाया जाये। उपभोक्ताओं के बिलों में संशोधन के लिए अपने अपने क्षेत्रों में लगातार कैम्पों का भी आयोजन किया जाये। जिलाधिकारी ने सभी उपभोक्ताओं से अपील की है कि इस योजना का शीघ्र लाभ लेकर अपना बकाया जमा करने का प्रयास करें।

पावर कॉरपोरेशन के इस फैसले पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि बिजली चोरी करने वालों को इतने बड़े पैमाने पर छूट दी जा रही है। मगर इसका भार ईमानदार बिजली उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ना चाहिए। जितनी राशि को माफ किया जाए, उसकी सब्सिडी भी मिलनी चाहिए। ताकि आम उपभोक्ताओं को इस योजना का खामियाजा न भुगतना पड़े। ऐसा न होने पर बिजली चोरी करने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा।

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