प्रयागराज महाकुंभ मेला में मौनी अमावस्या के स्नान से पहले भगदड़ के एक दिन बाद गुरुवार को आग लग गई। कुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर- 22 में कई पंडाल जलकर राख बन गए। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई है। हालाकि यह पहली बार नही जम महाकुंभ मेले मे आग लगी हो इससे पहले भी मेला क्षेत्र मे आग लग चुकी है।
महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद कई बड़े बदलाव किए गए हैं। महाकुंभ मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। इस फैसले से साफ पता चलता है कि मेले में एक भी गाड़ी नहीं चलेगी। लेकिन गुरुवार को मेले के बाहरी क्षेत्र में बनाई गई टेंट सिटी में भीषण आग लग गई। हालांकि जहां भीषण आग लगी वहां कोई रह नही रहा था। आग की सूचना मिलते ही दमकल विभाग टीम ने आग पर काबू पा लिया है।
महाकुंभ मेला में मौनी अमावस्या के स्नान से पहले संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई थी। हादसे में 30 लोगों की भीड़ मे दबकर मौत हो गई। 60 श्रद्धालु घायल हैं। घायलों का अस्पताल मे इलाज जारी है। DIG वैभव कृष्ण ने बताया कि भगदड़ में कुल 90 श्रद्धालु घायल हुए थे, जिसमें 30 की मौत हो गई। जिसमें से 25 की पहचान हो पाई है शेष पांच की पहचान बाकी है। मौनी अमावस्या मे खास मौके पर महाकुंभ में 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान था। भगदड़ के बाद सुबह शाही स्नान को रद्द करने की घोषणा अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र गिरी की ओर से की गई थी। हालांकि, सीएम योगी आदित्यनाथ से बातचीत और व्यवस्थाओं के ठीक होने पर शाही स्नान करने का फैसला हुआ। फिर दोपहर करीब 3 बजे सबसे पहले तीन शंकराचार्यों ने अमृत स्नान किया। साधु-संतों ने स्नान के दौरान, जयकारों के साथ हाथों मे भाला, और तलवार लहराते दिखे।
25 जनलरी को महाकुंभ मेला क्षेत्र के पार्किंग एरिया में खड़ी एक गाड़ी में आग लगने की खबर सामने आई थी। जहां एक अर्टिगा और दूसरी वेन्यू कार धू-धूकर लगी थी। सबसे पहले महाकुंभ मे सेक्टर 19 स्थित गीता प्रेस के शिविर मे आग लगी थी। यहां आग लगने से कई टेंट जलकर राख हो गए थे, हालांकि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया था।