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सर्दियों में तेजी से बढ़ सकता है ओमिक्रान क्योकि 15 डिग्री से कम में पनपता है वैरियंट

[Edited By: Vijay]

Friday, 24th December , 2021 12:56 pm

यूरोप में तबाही मचाने वाले ओमिक्रोन भारत मे दस्तक दे चुका है। पहली लहर अप्रैल 2020 और दूसरी मार्च 2021 में आई थी, जबकि कड़ी सर्दी के मौसम में कोई लहर नहीं आई। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर जनवरी-फरवरी में संक्रमण फैला तो निमोनिया खतरनाक रूप लेगा। आइसीयू बेडों की संख्या कम पड़ सकती है। ऐसे में मास्क पहनने और शारीरिक दूरी बनाकर रखें। कोविड वैक्सीन के दोनों डोज लगवाएं। और कोई बचाव नहीं है।

सर्दी में निमोनिया का खतरा

मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ अरविंद का कहना है कि कोरोना वायरस नाक, गला और फेफड़ों में संक्रमित होता है। नाक और गले में रुक जाए तो मरीज आसानी से सप्ताह भर में ठीक हो जाता है, लेकिन अगर संक्रमण फेफड़ों में पहुंच गया तो यह गंभीर निमोनिया बनकर जानलेवा हो जाता है। इसका खतरा सर्दियों में कई गुना होता है। पारा 15 डिग्री से कम रहने पर वायरस तेजी से बढ़ता है। जबकि पारा 25 डिग्री पार करने के बाद वायरस निष्क्रिय होने लगते हैं। हालांकि कोविड-19 किसी भी मौसम में संक्रमित होने की क्षमता रखता है।

प्रोफेसर डा. टीवीएस आर्य ने बताया कि दुनिया मे कोविड-19 नवंबर 2019 में आया। मेरठ में 26 मार्च 2020 को पहला मरीज मिला, जबकि एक अप्रैल को पहली मौत हुई थी। अप्रैल से जून और फिर सितंबर से अक्टूबर के बीच कोरोना ने तबाही मचाई। दिसंबर में शांत पड़ गया। सर्दी खत्म होने पर फरवरी-मार्च 2021 में बडी लहर आई, और जून माह तक बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हुई।

रिस्क जोन में क्यों है मेरठ

- वायु प्रदूषण ज्यादा होने से मेरठ में हाई एलर्जी माहौल रहता है। यह फेफड़ों पर घातक असर करता है। ऐसे में वायरस शरीर में जल्द संक्रमित होगा।

- घनी आबादी की वजह से संक्रमण तेजी से फैल सकता है।

- दूसरी लहर में 83 प्रतिशत में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मिली। बड़ी संख्या में लोग आईसीयू में भर्ती हुए, जिनके फेफड़े अब तक कमजोर हैं। उनके लिए कोई लहर घातक होगी।

- 40 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगी है, ऐसे में वो हाई रिस्क पर होंगे।

- जिले के अस्पतालों में बैक्टीरिया और वायरल लोड ज्यादा होने से तीमारदारों में भी संक्रमण तेजी से बढ़ेगा।

ये हैं खतरे के संकेत

दिल्ली में 25 जून को 115 मरीज मिलने के करीब छह माह बाद कोरोना के 107नए मरीज मिले हैं। सभी सीमावर्ती जिलों में खतरे की घंटी बज गई है। दिल्ली में ओमिक्रोन के 54 मरीज मिल चुके हैं

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

ब्रिटेन में एक दिन में 12 हजार मिल गए हैं। ये डेल्टा से कई गुना तेजी से फैल रहा है। यूएसए में एक हफ्ते में संक्रमण 3 से बढ़कर 73 प्रतिशत हो गया। दिल्ली और महाराष्ट्र हॉट स्पॉट बन रहे हैं। हमेशा मास्क पहनकर रहें। सर्दी में सांस की बीमारी बढऩे से खतरा बढ़ेगा।

कोविड के पुराने मरीजों में से कई में अब भी ऑक्सीजन की कमी मिल रही। कोरोना सांस की नली में संक्रमण करने वाला वायरस है। सर्दी में फैला तो सांस के पुराने मरीजों और नए संक्रमितों को संभालना मुश्किल होगा।

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