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लोगों को मुस्लिम बनाने का कोई पछतावा नहीं..' पूर्व IAS इफ्तिखारुद्दीन ने कबूला

[Edited By: Vijay]

Saturday, 30th October , 2021 06:23 pm

लखनऊ: पूर्व कमिश्नर और 'उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम' के प्रमुख मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्हें अपने सरकारी आवास पर इस्लामी धर्मांतरण से संबंधित मुल्ले-मौलवियों की मजलिस में देखा गया था।

इसके बाद इस मामले की जाँच के लिए योगी सरकार ने SIT गठित की थी। अब जाँच में खुलासा हुआ है कि पूर्व IAS अफसर इफ्तिखारुद्दीन ने 8 से भी अधिक जिलों में इस्लामी धर्मांतरण कराया है। इस मामले के SIT के हाथ कई सबूत भी लगे हैं।

अब इस मामले में लोगों को सरकार की कार्रवाई की प्रतीक्षा है, क्योंकि जाँच रिपोर्ट राज्य शासन को दे दी गई है। सरकारी आवास पर इस्लामी तकरीर के वीडियो वायरल होने के बाद योगी सरकार ने महानिदेशक CBCID जीएल मीणा की अध्यक्षता और एडीजी जोन भानु भाष्कर की सदस्यता वाली दो सदस्यीय SIT गठित की थी। SIT के हाथ मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के ऐसे 80 वीडियो लगे हैं और उनकी लिखी धर्मान्तरण को बढ़ावा देने वाली 7 पुस्तकें भी बरामद हुई हैं। उन पर एक मामले में CTS बस्ती वालों पर इस्लामी धर्मांतरण का दबाव डालनेके इल्जाम लगे थे, मुस्लिम न बनने पर लोगों को कानूनी कार्रवाइयों में फँसाने की धमकी दी गई थी। अब पता चला है कि कानपुर में सचेंडी के एक गाँव में उन्होंने लोगों का इस्लाम में धर्मांतरण कराया था। पश्चिमी यूपी के जिलों में भी उन्होंने अपना नेटवर्क फैलाया हुआ है। सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जैसे जिलों में भी इफ्तिखारुद्दीन एक्टिव रहे। SIT को मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन द्वारा ऐसी कई इस्लामी धर्मांतरण कराने की बातें का पता चला हैं।

आश्चर्य की बात तो ये है कि इफ्तिखारुद्दीन ने अपनी करतूतों को कबूल भी कर लिया है और SIT की पूछताछ में कहा है की उन्हें अपने किए का कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने मजहबी कट्टरता की तकरीरों से लेकर भड़काऊ साहित्य और इस्लामी धर्मांतरण को भी जायज़ ठहराया है। अब लोग पूछ रहे हैं कि इतने खुलासे होने के बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।

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