नई दिल्ली-पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने अपने खिलाफ दिल्ली पुलिस की एफआईआर के बाद फिर किसान आंदोलन का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मैं अब भी किसानों के साथ खड़ी हूं और उनके शांतिपूर्वक विरोध का समर्थन करती हूं। नफरत, धमकी या मानवाधिकारों के उल्लंघन इसे बदल नहीं सकता है।
I still #StandWithFarmers and support their peaceful protest.
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 4, 2021
No amount of hate, threats or violations of human rights will ever change that. #FarmersProtest
ग्रेटा थनबर्ग ने ये ट्वीट दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद किया है। ग्रेटा थनबर्ग के भड़काऊ ट्वीट को लेकर दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ धारा- 153 A, 120 B के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। दरअसल, ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के समर्थन में किए गए अपने ट्वीट में भारत की सत्तारूढ़ पार्टी पर सवाल खड़े किए थे।
ग्रेटा ने अपने ट्वीट में भारत विरोधी एक दस्तावेज भी ट्वीट किया था, जिसमें मोदी सरकार और भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एजेंडा चलाने की प्लानिंग लिखी हुई थी। इसमें लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में आंदोलन में शामिल होने और फोटो-वीडियो को शेयर करने के लिए कहा गया था। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर इसके जरिए एक डिजिटल स्ट्राइक करने की भी योजना बनाई गई थी। भारत सरकार पर दबाव कैसे बनाया जाए इसकी भी प्लानिंग की गई थी।
यहां क्लिक करके देंखे ग्रेेटा थनबर्ग का साझा किया दस्तावेज
We stand in solidarity with the #FarmersProtest in India.
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 2, 2021
https://t.co/tqvR0oHgo0
ग्रेटा थनबर्ग ने मंगलवार को ट्वीट किया ता कि हम भारत में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुट हैं। उन्होंने इसके साथ ही सीएनएन की एक खबर टैग की जिसका शीर्षक था, ‘प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस में झड़प के बीच भारत ने नयी दिल्ली के आसपास इंटरनेट सेवा बंद की।’ इतना ही नहीं, एक अन्य ट्वीट में उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर एक कथित दस्तावेज भी शेयर की थी, जिसमें आंदोलन के समर्थन की प्लानिंग लिखी हुई थी।
कौन हैं ग्रेटा थनबर्ग
ग्रेटा थनबर्ग को जलवायु संकट के खिलाफ लड़ाई में सबसे अग्रणी वक्ता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कई बार अपने भाषणों से लोगों को दिल जीता है। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी ट्विटर वॉर की भी खूब चर्चा हुई थी। दिसंबर 2020 में स्वीडन की इस 16 साल की पर्यावरण ऐक्टिविस्ट को प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने 2019 का 'पर्सन ऑफ द ईयर' चुना गया था।