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कानून मंत्री के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने से नीतीश सरकार सवालों के घेरे में

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 17th August , 2022 02:40 pm

बिहार में नई सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी होने से राजनीति गर्मा गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि एक दिन पहले ही कार्तिकेय सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली, उस दिन उन्हें किडनैपिंग के एक मामले में कोर्ट में पेश होना था मगर वो नहीं हुए।

कानून मंत्री के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने से नीतीश सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। पटना में बुधवार दोपहर एक कार्यक्रम से निकलने बाद जब वे मीडिया से मुखातिब हुए तो उन्हें कार्तिकेय सिंह को लेकर सवाल पूछा गया। हालांकि उन्होंने यह कहकर बात टाल दी कि उन्हें इस केस की कोई जानकारी नहीं है।

पटना जिले के बिहटा इलाके में हुए राजू बिल्डर अपहरण कांड में कानून मंत्री कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिके सिंह आरोपी हैं। इनके खिलाफ बिहटा थाना कांड संख्या 859/2014 दर्ज है। कार्तिकेय पर कोर्ट से अरेस्ट वारंट जारी हुआ है। इन्हें 16 अगस्त को कोर्ट में पेश होना था जबकि ये मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। इसी अपहरण कांड में पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह भी आरोपी हैं।

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा, 'जिस कार्तिकेय सिंह को मंत्री बनाया गया है, वह अनंत सिंह के दाहिने हाथ हैं। अनंत सिंह सजायाफ्ता हैं, जेल में बंद है। उनकी विधायकी हाल ही में समाप्त हुई है। कार्तिकेय किडनैपिंग के मामले में फरार हैं। 16 अगस्त को इनको सरेंडर करना है। इस दिन सरेंडर करने के बजाय कार्तिकेय मंत्री पद की शपथ लेने चले गए। क्या यह नीतीश जी को मालूम नहीं है। मुख्यमंत्री जब किसी को मंत्री पद की शपथ दिलाता है तो वह पूरा पुलिस वेरिफिकेशन कराता है। कौन से मुकदमे हैं, क्या मुकदमे हैं। नीतीश जी तो बाढ़ मोकामा इलाके से ही आते हैं, तो क्या उनको नहीं मालूम है कि कौन आदमी क्या है। ऐसे व्यक्ति को मंत्री बनाया, वह भी कानून मंत्री बनाया।'

सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि कार्तिकेय सिंह को इसलिए कानून मंत्री बनाया गया है ताकि आरजेडी नेताओं सुरेन्द्र यादव, ललित यादव, रामानंद यादव जैसे लोगों पर जितने भी केस हैं उसको खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि कार्तिकेय सिंह की क्या योग्यता है। सबसे बड़ी बात है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ वारंट है उसे क्यों मंत्री बनाया गया। अगर सीएम को इस बारे में जानकारी नहीं थी तो अब वह कार्तिकेय को बर्खास्त कर दें। ऐसी घटना पहले भी हुई है, जिसमें मंत्रियों को बर्खास्त किया गया था। इसलिए इस बार भी बर्खास्त करने की कार्रवाई करें।

सुशील मोदी ने कहा कि कार्तिकेय सिंह कह रहे हैं कि चुनावी हलफनामे में सारी जानकारी दर्ज की है। उनको समझना चाहिए कि चुनावी हलफनामे में कोई जानकारी दर्ज करना एक बात है, लेकिन यह तो दर्ज नहीं किया ना कि मैं वारंटी हूं, फरार हूं। मैंने सरेंडर नहीं किया। सरेंडर नहीं करना कितना बड़ा अफराध है। आप न्याय के मंदिर जाने के बजाय राजभवन चले गए। बिहार एक बार फिर से लालू यादव और राबड़ी देवी का राज लौट आया है।

सुशील मोदी ने कहा कि माना कि कार्तिकेय सिंह को कोर्ट ने दोषी नहीं ठहराया है, लेकिन यह तो सत्य है ना कि इनके खिलाफ वारंट जारी है। जिस चंद्रशेखर को शिक्षा मंत्री बनाया गया है वह दिल्ली एयरपोर्ट पर कारतूस के साथ अरेस्ट हो चुके हैं। आरोप लगाया कि अनंत सिंह से खुद नीतीश कुमार डरते हैं, इसलिए उन्होंने कार्तिकेय सिंह को मंत्री बनने से नहीं रोका है। सीएम नीतीश को इस मामले पर अपना पक्ष रखना चाहिए।

इससे पहले सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल में बाहुबलियों की भरमार कर नीतीश कुमार ने बिहार में डरावने दिनों की वापसी सुनिश्चित कर दी। सुरेन्द्र यादव, ललित यादव, रमाकांत यादव और कार्तिकेय कुमार जैसे विधायक मंत्री बनाये गए, जिनके नाम से इलाके में लोग कांपते हैं। इन लोगों पर आर्म्स ऐक्ट के मुकदमे हैं।'

साल 2014 में राजीव रंजन किडनैपिंग हुई थी। इस मामले में बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट जारी है। कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है। 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन मंत्री पद की शपथ ले रहे थे।

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