नई दिल्ली-कोरोना वायरस से जूझ रहे पड़ोसी देशों की लगातार भारत से मदद कर रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को भारत ने नेपाल को 10 लाख कोविशील्ड वैक्सीन का तोहफा भेजा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि वैक्सीन मैत्री के तहत वैक्सीन की यह खेप काठमांडू पहुंच गई है। उन्होंने ट्वीट के जरिए इस बात की जानकारी दी है। भारत ने नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार समेत करीब 6 देशों को मुफ्त वैक्सीन देने की बात कही है।
Nepal receives Indian vaccines. Putting neighbours first, putting people first! #VaccineMaitri pic.twitter.com/mcfcMtGrTo
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 21, 2021
I thank Prime Minister Shri @narendramodi ji as well as the Government and people of India for the generous grant of one million doses of COVID vaccine to Nepal at this critical time when India is rolling out vaccination for it's own people. pic.twitter.com/uO7qQpLiSx
— K P Sharma Oli (@kpsharmaoli) January 21, 2021
भारत की तरफ से वैक्सीन की खेप मिलने के बाद नेपाल के स्वास्थ्य मंत्री ह्रदेश त्रिपाठी ने कहा कि भारत से और भी ज्यादा डोज खरीदे जाएंगे। उन्होंने कहा कि नेपाल के नागरिकों को कोविड वैक्सीन मुफ्त में मिलेगी। हम भारत से और ज्यादा डोज खरीदने जा रहे हैं।' बीते बुधवार को उन्होंने लोगों की मदद के लिए भारत सरकार का धन्यवाद जताया था। उन्होंने कहा था 'भारत सरकार ने अनुदान में कोविड-19 के खिलाफ 10 लाख डोज मुहैया कराए हैं।' उन्होंने कहा था कि यह भारत और नेपाल के बीच संबंधों का बेजोड़ उदाहरण है। भारत सरकार को न केवल अपने नागरिकों की चिंता है, बल्कि अपने पड़ोसी देशों में रहने वाले लोगों की भी चिंता करती है।' उन्होंने कहा कि 'मैं हमारे भारतीय दूत के जरिए भारत सरकार का धन्यवाद करना चाहूंगा।'
उन्होंने बताया कि इन वैक्सीन का इस्तेमाल कोविड-19 मरीजों के शवों को संभालने वाले, सुरक्षा में लगे जवान, फ्रंटलाइन कर्मी और स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा। खास बात है कि भारत ने दो वैक्सीन उम्मीदवारों कोविशील्ड और कोवैक्सीन को पाबंदियों के साथ आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अनुमति दी है। वहीं, नेपाल ने भी बीते हफ्ते कोविशील्ड वैक्सीन को अनुमति दे दी है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजैनेका ने मिलकर तैयार किया है। जबकि, इसका निर्माण पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में किया गया है। वहीं, कोवैक्सीन का निर्माण हैदराबाद की भारत बायोटेक ने किया है।