बच्चों के चिप्स पैकेट या चॉकलेट के डिब्बे या पैकेट में कुछ छोटे-मोटे टॉयज पैक करके कंपनी देती है जिससे कि बच्चे उसकी तरफ अट्रेक्ट हो और उनकी कंपनी की चीजों को ज्यादा से ज्यादा खरीदें. लेकिन पैकेट में बंद छोटे टॉयज बच्चों के लिए कब जानलेवा साबित हो जाए या किसी को भी नहीं पता जरा सी भी पेरेंट्स के लापरवाही उनके लिए कितनी भारी पड़ सकती है. वह इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं.
लापरवाही ने ली बच्चो की जान
कंपनियां मार्केट में अपने प्रॉडक्ट्स को ज्यादा से ज्यादा बचने के लिए चिप्स पैकेट बिस्कुट के पैकेजिंग के अंदर छोटे-मोटे टॉयज डाली थी जिससे कि बच्चे उनकी तरफ अट्रेक्ट हो और ज्यादा से ज्यादा उनको खरीदने के लिए उत्साहित रहे लेकिन कंपनियां कभी भी पैकेट के बाहर कोई भी चेतावनी नहीं लगती है कि यह बच्चों के लिए खतरनाक है या फिर पेरेंट्स को सावधानी बरतनी चाहिए.
कंपनियां कर रही धोखेबाजी!
पैकेट में किसी भी तरह की चेतावनी ना लिखी होने की वजह से पेरेंट्स इसको बेफिक्र रो कर खरीदने हैं और बच्चों को दे देते हैं. जबकिन कंपनियों को चाहिए कि पैकेट में साफ तौर पर लिखें, जिससे कि पेरेंट्स सतर्क रहे और बच्चों के हाथ में सीधे पैकेट ना दे.
दो मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन ?
इटावा में क्रैक्स कंपनी के चिप्स पैकेट में एक प्लास्टिक की रिंग निकली जिसको बच्चे ने चिप्स के साथ निगल लिया.. इसके बाद वह रिंग जाकर उसकी सास की नली में फंस गई और माता-पिता के सामने तड़पते तड़पते उन बच्चों की मौत हो गई. इन कंपनियों ने अपनी पैकेट के बाहर गाइडलाइंस लिखी होती तो शायद यह हादसा ना होता उन बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन है यह अभी तय नहीं हुआ है तो वहीं लखनऊ के ठाकपरगंज में एक बच्चे के गले में गुब्बारा फंस गया जिसके कारण उसकी मौत हो गई.
पेरेंट्स के लिए सबक है यह घटना
पेरेंट्स की छोटी-छोटी लापरवाही बच्चों की जान पर भारी पड़ रही है.इटावा में बच्चों के गले में प्लास्टिक की बॉल फंसना हो या लखनऊ में बच्चों के गले में गुब्बारा फंसना दोनों ही केसों में मासूम बच्चों की जान चली गई.यह दोनों घटना बहुत ही दर्दनाक है.दोनों ही बच्चों के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है… लेकिन यह घटना हम सब लोगों को सबक देती है कि जिनकी भी घर में छोटे बच्चे हैं उनके माता-पिता को खास सतर्क रहने की जरूरत है.
सरकार जारी करें जरूरी गाइडलाइंस
जिस बच्चे की रात में मौत हुई है वह एक ट्रक मैकेनिक तस्लीमका बेटा था. मृतक बच्चे का नाम उस्मान था. बच्चों की मौत के बाद उसके माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है वह इस गम को भुला नहीं पा रहे हैं लेकिन अब सवाल उठता है कि यह चिप्स की बिस्किट कंपनियां अपने पैकेट में चेतावनी लिखना शुरू करेंगी या नहीं या सरकार को उनके लिए कोई जरूरी गाइडलाइंस लानी पड़ेगी.
माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल
बच्चों की मौत के बाद जब माता-पिता ने रात में कब्रिस्तान में दफनाया तो वहां मौजूद सैकड़ों लोगों को एक सबक मिला. माता-पिता अपने बच्चों को पैकेट देने से पहले सावधानी बरतेंगे.