चुनावी माहौल पूरे उत्तर प्रदेश में गरमाया हुआ है हर पार्टी कुछ न कुछ नया बोल रही है और सरकार के खिलाफ सारी पार्टियां कमियां गिना रही है ताजा मामले में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी सरकार के खिलाफ ट्वीट किया
बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में योजनाओं, स्मारकों और सड़कों के नाम बदलने को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने ट्वीट किया और कहा कि बीएसपी सरकार के दौरान यूपी के विभिन्न जिलों की तरह आगरा में भी गरीबों के लिए आवास बनाए गए। जिसकी जन सराहना हुई, लेकिन सत्ता परिवर्तन के कारण जनहित की ऐसी कई परियोजनाएं अधूरी रह गई, जिन्हें पहले सपा व अब बीजेपी सरकार ने द्वेषपूर्ण व्यवहार करते हुए पूरा नहीं किया है।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती इन दिनों उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के साथ केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर लगातार निशाना साध रही हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी में लगीं मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार पर योजनाओं का नाम बदलने का आरोप लगाया है।
2. वैसे भी प्रदेश व देश साक्षी है कि घोर संकीर्ण राजनीतिक व जातिगत द्वेष आदि के कारण सपा व भाजपा सरकार ने बीएसपी सरकार की योजनाओं के नाम ही नहीं बदले बल्कि उन्हें बंद/निष्क्रिय करके जनहित व जनकल्याण के साथ घोर खिलवाड़ करने का काम किया है, जो एक काला अध्याय के रूप में दर्ज रहेगा।
— Mayawati (@Mayawati) October 2, 2021
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार जनहित और जनकल्याण की योजनाओं के नाम बदलने को लेकर खिलवाड़ कर रही है। इसके साथ ही मायावती ने आरोप लगाया है कि सत्ता परिवर्तन के कारण उनकी कई परियोजनाएं अधूरी रह गईं। जिन्हें पहले समाजवादी पार्टी और अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पूरा नहीं किया है।
उन्होंने आगे कहा कि वैसे भी प्रदेश व देश साक्षी है कि घोर संकीर्ण राजनीतिक व जातिगत द्वेष के कारण सपा और भाजपा सरकार ने बीएसपी सरकार की योजनाओं के नाम ही नहीं बदले बल्कि उन्हेंं बंद करके जनहित और जनकल्याण के साथ घोर खिलवाड़ करने का काम किया है, जो एक काले अध्याय के रूप में दर्ज रहेगा।
बसपा सुप्रीमो ने इससे पहले कहा था कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की 'डबल इंजन' की सरकार है फिर भी राजधानी लखनऊ के सड़कों की भी जो दुदर्शा है उससे जान के जंजाल के चर्चे हर जगह आम हैं। इसकी हालत सुधारने के बजाय, राज्य सरकार की तर्ज पर लखनऊ नगर निगम भी, सड़कों व वार्डों आदि का नाम बदलने में ही चैम्पियन है।