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पैराओलंपिक्स में मनीष नरवाल ने स्वर्ण और अडाना ने रजत पदक पर लगाया निशाना- जय हो इंडिया

[Edited By: Vijay]

Saturday, 4th September , 2021 02:38 pm

टोक्यो पैरालंपिक खेलों में निशानेबाज़ी की पी-4 मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच-1 स्पर्धा में शीर्ष दोनों स्थान भारत के नाम रहे. निशानेबाज़ मनीष नरवाल ने स्वर्ण पदक पर निशाना साधा और सिंहराज अडाना ने रजत पदक अपने नाम किया. इसके साथ ही भारत शनिवार तक पैरालंपिक खेलों में कुल 15 पदक जीत चुका है. इसमें तीन स्वर्ण, सात रजत और पांच कांस्य शामिल हैं.

निशानेबाज मनीष नरवाल ने पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ टोक्यो खेलों में भारत की झोली में तीसरा स्वर्ण पदक डाला, जबकि सिंहराज अडाना ने रजत पदक जीता जिससे पी-4 मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच-1 स्पर्धा में शीर्ष दोनों स्थान भारत के नाम रहे.

इस वर्ग में विश्व रिकॉर्डधारी 19 वर्ष के नरवाल ने पैरालंपिक का रिकॉर्ड बनाते हुए 218.2 स्कोर करके अपने पहले ही खेलों में पीला तमगा जीता.

स्वर्ण जीतने के बाद उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं.’

नरवाल का परिवार 2016 में उन्हें पास की एक निशानेबाजी रेंज में ले गया था और वह तुरंत इस खेल की ओर आकृष्ट हो गए थे. वह नियमित अभ्यास करते रहे लेकिन उस समय उन्हें पैरालंपिक खेलों के बारे में नहीं पता था

कोच जयप्रकाश नौटियाल ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्होंने 2017 बैंकाक विश्व कप में पी-1 एयर पिस्टल एसएच-1 स्पर्धा में व्यक्तिगत वर्ग का स्वर्ण जीता.

वहीं पी-1 पुरुषों की एस मीटर एयर पिस्टल एसएच-1 स्पर्धा में बीते 31 अगस्त को कांस्य जीतने वाले 39 वर्ष के अडाना ने 216.7 अंक बनाकर रजत पदक अपने नाम किया. इसके साथ ही अडाना एक ही खेलों में दो पदक जीतने वाले चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हो गए.

अडाना ने कहा, ‘आज फाइनल बहुत कठिन था. जब मैं तीसरे स्थान पर था तो मैंने खुद से कहा कि सिंहराज अच्छा प्रदर्शन, रुको, सांस लो, रुको, ओके. एक शॉट, बस एक शॉट. कोई और बात मेरे दिमाग में चल ही नहीं रही थी.’

फाइनल में पहनी हैट के बारे में उन्होंने कहा, ‘यह मेरी पत्नी ने मुझे तोहफे में दी थी और मेरे लिए लकी है.’

दो पदकों की बात करें तो इससे पहले निशानेबाज अवनि लेखरा  ने मौजूदा खेलों में स्वर्ण और कांस्य पदक जीता है. वहीं जोगिंदर सिंह सोढी ने 1984 पैरालंपिक में रजत और कांस्य पदक जीता था.

रूसी ओलंपिक समिति के सर्जेइ मालिशेव ने 196.8 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता.

दाहिने हाथ में विकार के शिकार नरवाल की शुरुआत धीमी रही, जब उन्होंने 7.7 और 8.3 स्कोर किया, लेकिन इसके बाद हरियाणा के वल्लभगढ़ के इस युवा ने शानदार वापसी की. दूसरी ओर अडाना की शुरुआत काफी अच्छी रही, लेकिन बीच में वह चूक गए. फाइनल सीरीज में नरवाल ने 8.4 और 9.1, जबकि अडाना ने 8.5 तथा 9.4 स्कोर किया.

इससे पहले क्वालीफाइंग दौर में अडाना 536 अंक लेकर चौथे और नरवाल 533 अंक लेकर सातवें स्थान पर थे. भारत के आकाश 27वें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह नहीं बना सके.

भारतीय निशानेबाजों ने मौजूदा खेलों में दो स्वर्ण समेत पांच पदक जीत लिए हैं.

नरवाल ने यूएई में 2021 पैरा निशानेबाजी विश्व कप में पी-4 में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण और टीम वर्ग में रजत पदक जीता था. उन्होंने सिडनी पैरा निशानेबाजी विश्व चैम्पियनशिप 2019 में तीन कांस्य पदक जीते थे.

एसएच-1 वर्ग में निशानेबाज एक ही हाथ से पिस्टल पकड़ते हैं, क्योंकि उनके एक हाथ या पैर में विकार होता है जो रीढ़ की में चोट या अंग कटने की वजह से होता है. कुछ निशानेबाज खड़े होकर तो कुछ बैठकर निशाना लगाते हैं.

 

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