महाकुंभ मे खुद का पिंडदान कर सन्यासी बनी ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े में विवाद के बीच महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बात की घोषणा उन्होंने खुद सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट करके दी है। उन्होंने कहा, ‘मैं 25 साल से साध्वी हूं और आगे भी रहूंगी।

आपको बता दें किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर पद और अखाड़े से निष्कासित कर दिया था, ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर बनाने के बाद जमकर विरोध किया गया, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, योग गुरु बाबा रामदेव, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी विरोध जताया था। हालांकि अब ममता ने दावा किया कि उनसे 2 लाख रुपए मांगे गए थे, जो महामंडलेश्वर जय अंबा गिरी ने अपने हाथों से अखाड़े की आचार्य पंडित लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को दिए थे।

ममता कुलकर्णी पोस्ट वीडियो मे कहां ‘मैं महामंडलेश्वर यामाई ममता नंदगिरी, मैं इस पोस्ट से इस्तीफा दे रही हूं। किन्नर अखाड़े या दो अखाड़ों में मेरे महामंडलेश्वर के पद को लेकर काफी समस्याएं हो रही हैं। मैं एक साध्वी थी 25 साल से और साध्वी ही रहूंगी। ये महामंडलेश्वर की जो एक सम्मान दिया गया था, वो ऐसा सम्मान होता है, जिसने करीब 25 साल स्विमिंग की हो, उसे कहा जाए कि अब जो बच्चे आएंगे, उन्हें स्विमिंग की जानकारी देना। लेकिन, इस पर बहुतों को आपत्ति हो गई’।
उन्होने आगे कहते हुए कहा कि ‘मैं काफी वक्त तक बॉलीवुड से दूर रही हूं। मैंने 25 साल से फिल्मी दुनिया छोड़ी हुई है। नहीं, तो फिल्मों से, मेकअप से इतना दूर कौन रहता है? मेरी काफी चीजों को लेकर लोगों के सवाल हैं, प्रतिक्रियाएं हैं। मैंने देखा कि मेरे महामंडलेश्वर होने से शंकराचार्य से लेकर काफी लोगों को आपत्ति है।
90 के दशक की मशहूर एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी बीते दिनों किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनाया गया था। जिसका जोरो से विरोध हुआ और किन्नर अखाड़े में बड़ी कलह शुरू हो गई। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया है.
ममता कुलकर्णी पर आरोप है कि उन्होंने देशद्रोह की आरोपी ममता कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल किया और उनकी जानकारी के बिना उन्हें महामंडलेश्वर बना दिया. उसे बिना किसी धार्मिक व अखाड़े की परंपरा को मानते हुए वैराग्य की दिशा के बजाय सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि व पट्टा अभिषेक कर दिया. जिसके कारण से मजबूर होकर देश हित सनातन एवं समाज हित में इन्हें पद मुक्त करना पड़ रह है