उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया. इसी क्रम में 500 साल पुराने मां पूर्वी देवी एवं महाकालेश्वर मंदिर में 31 व महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर 5100 दीपक जलाए गए।

इस महाशिवरात्रि पर दीप यज्ञशाला को महाकुंभ पर आधारित झांकी द्वारा दर्शाया गया. इतना ही नहीं इसमें कुंभ कलश एवं भगवान विष्णु का मोहनी स्वरूप में अमृत कलश वितरण करना देवों एवंं दैत्यों को अमृत पान कराने का यहां पर दृश्य दिखाया गया है. इतना ही नहीं महाकुंभ से अमृत कलश में लाया गया जल आरती के बाद कई राज्यों से पहुंचे भक्तों जो महाकुंभ में किसी वजह से नहीं पहुंच पाए थे. उनके ऊपर छिड़काव किया गया।
मंदिर के संस्थापक संरक्षक प्रमोद कुमार शुक्ला ने कहा कि यह मंदिर प्राचीन है यहां पर जो भी भक्त पूरे श्रद्धा भाव से मां के दरबार में आता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. यहां से हजारों भक्तों को दीपक भी दिया जाता है जो अपने-अपने निकट शिव मंदिरों में जलाते हैं और मां पूर्वी देवी एवं महाकालेश्वर मंदिर से प्रार्थना और मनोकामनाएं मांगते हैं…उनकी सारी मनोकामनाएं मैंने अपने आंखों के सामने पूरी होती देखी है.
लखनऊ के प्रसिद्ध अमीनाबाद हनुमान मंदिर में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा हुई इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे मंदिर के जीवन उधर के साथ ही भगवान शिव की माता पार्वती और गणपति भगवान के साथ नंदी बाबा की प्रतिमा स्थापित की गई प्राण प्रतिष्ठा का यह कार्यक्रम सुबह से ही शुरू हो गया था प्राण प्रतिष्ठा के बाद शिव परिवार को भोग प्रसाद लगाया गया और आरती की गई
इस मौके पर महिला मंडली की प्रमुख मंजू लता शुक्ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि इस मंदिर ने मेरे और मेरे परिवार की जिंदगी बदल दी. इस मंदिर से ही सब कुछ मिला और आज हम जहां पर हैं माता पूर्वी की कृपा से है. माता की शरण जब से मिली तब से हम धन्य हो गए. और तब से लेकर आज तक हम मां के दरबार से जुड़े हर समय मां के चरणों में रहते हैं.और हमने मां के दरबार में आने वाले हजारों भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती देखी हैं इस मंदिर में जो भी अपनी मान्यताएं लेकर आता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.