- महाकुंभ का पहला शाही स्नान
- संगम तट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
- पौष पूर्णिमा के दिन से महाकुंभ का शुभारंभ
- लाखों की संख्या में तीर्थयात्री त्रिवेणी में लगाई डुबकी
प्रयागराज में संगम का इंतजार अब खत्म हो चुका है। पौष पूर्णिमा के दिन से महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। आज श्रद्धालु महाकुंभ का पहला स्नान कर रहे हैं. वहीं दूर-दूर से भक्तगण गंगा मैया के जयकारों के साथ संगम तट पर पहुंच रहे है। सुबह से दोपहर 3 बजे तक, लगभग 1 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम क्षेत्र में पहले ‘अमृत स्नान’ दिवस पर पवित्र डुबकी लगाई. ये नजारा बहुत भव्य है…मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और पापों से मुक्ति मिलती है.
महाकुंभ मेले का आयोजन प्रत्येक 12 वर्षों के अंतराल पर हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में होता है और इनमें प्रयागराज में लगने वाला महाकुंभ सबसे भव्य होता है. 45 दिन तक चलने वाला महाकुंभ हिंदुओं के लिए काफी मायने रखता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 13 जनवरी यानी आज से हो चुकी है और तिथि का समापन 14 जनवरी को अर्धरात्रि के समय होगा।
देश-विदेश से उमड़े श्रद्धालुओं
महाकुंभ मे सिर्फ देश ही नही बल्कि विदेशो से भी महाकुंभ मेले में कई वीआईपी, वीवीआईपी, करोड़पति, साधु-संत शामिल हो रहे हैं। इस मेले में करोड़ों लोगों के आने की उम्मीद है।
महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, इस महाकुंभ में कुल 6 शाही स्नान होंगे, शाही स्नान महाकुंभ का मुख्य आकर्षण होता है, जिसे बेहद पवित्र और शुभ माना जाता है। मान्यता है कि शाही स्नान के दौरान गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। भस्म लपेटे नागा साधु इस महाकुंभ का सबसे बड़ा आकर्षण होंगे।