- आस्था का पर्व है प्रयागराज का दिव्य महाकुंभ
- प्रयागराज में महाकुंभ को जनसैलाब बनने की तैयारी
महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है वहीं इस भव्य आयोजन में हर कोई अपनी ओर से योगदान दे रहा है महाकुंभ 2025 में लगभग 40 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है इसलिए शहर में रहने के लिए अलग-अलग सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है ताकि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को रात गुजारने में कोई परेशानी न हो। इसी कड़ी में अलर्कपुरी संगम रिज़ॉर्ट ने श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए बांस कॉटेज का निर्माण किया है। इस रिज़ॉर्ट के सारे कॉटेज असम के मुरली बांस से तैयार किए गए हैं।
दिव्य महाकुंभ 13 जनवरी 2025 से हो रहा है जो 26 फरवरी 2025 कर चलेगा. ऐसे में श्रद्धालुओं को कुंभ नगरी की भव्यता और नव्यता का दिव्य दर्शन करवाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भारी भरकम बजट का ऐलान किया है. सबसे खास बात ये है कि आम लोगों को कोई परेशानी न हो, इसका खास ख्याल रखा जा रहा है. बसों से लेकर ट्रेन, दवा, अस्पताल तक की व्यवस्था कराई जा रही है. सुरक्षा पर तो खास ध्यान है ही. फिलहाल संगम में छावनी प्रवेश कार्यक्रम हो रहा है.
महाकुंभ मेले में धार्मिक गतिविधियों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. महाकुंभ में होने वाले विशेष स्नान के लिए लाखों की तादाद में लोग मेला स्थल पर पहुंचते हैं. इसमें सिर्फ अखाड़े और संत शामिल होते हैं. योगी सरकार के डिजिटल महाकुंभ की परिकल्पना को उत्तर प्रदेश पुलिस साकार करते हुए दिख रही है.
प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ-2025 में 40 करोड़ श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कराने के लिए लगभग 50 हज़ार पुलिस कर्मी तैनात होंगे. पुलिस के जवानों की कागज पर दर्ज होने वाली हाज़िरी महाकुंभ में डिजिटल हाजिरी हो गई है. महाकुंभ-2025 में ड्यूटी के लिए आए सभी पुलिसकर्मियों को मेले में ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
पुलिस के मुताबिक कुंभ मेले में आए पुलिस कर्मियों का सॉफ्ट स्किल, आपदा प्रबंधन, भौगोलिक स्थितियों की जानकारी आदि के लिए प्रशिक्षण चल रहा है. इस दौरान सभी पुलिस कर्मियों की अटेंडेंस बायोमेट्रिक तरीके से रिकॉर्ड की जा रही है, जिससे हाज़िरी लगाने में समय की बचत के साथ ही रिकॉर्ड मेंटेन करने में भी आसानी हो रही है. इससे पूर्व अटेंडेंस के लिए पारंपरिक रजिस्टर का रख रखाव मुश्किल होता था, लेकिन डिजिटल अटेंडेंस ने इन झंझटों से मुक्ति दिला दी है.