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कानपुर – मारपीट के बाद धर्मांतरण का आरोप कितना सच..?

[Edited By: Vijay]

Saturday, 14th August , 2021 05:09 pm

कानपुर में मुसलमान युवक के साथ मारपीट का रूह को झकझोर देने वाला मामला सामने आया था.....बर्रा थाने से कुछ ही दूरी पर चौधरी रामगोपाल चौराहा है. चौराहे के एक ओर जा रही सड़क के किनारे झुग्गी बस्ती है जहां बुधवार को बजरंग दल के कुछ लोगों ने पिटाई कर दी थी. इस पिटाई के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया, लेकिन तीनों को रात में ही थाने से ज़मानत भी मिल गई.

पीड़ित अफ़सार अहमद के घर के ठीक सामने रानी गौतम का घर है जिन्होंने अपने ही कुछ पड़ोसियों पर आरोप लगाया है कि वे लोग उनकी लड़की को परेशान करते हैं और एक महीने पहले उन लोगों ने सार्वजनिक तौर पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया था. उन्होंने बताया कि उनपर 20000 रूपये लेकर धर्म परिवरितन का दबाव बानाया गया. रानी गौतम बताती हैं, "इनके बच्चे यहीं से ट्रैक्टर और ई-रिक्शा बहुत स्पीड से ले जाते हैं. हमारे घरों की दीवार और उन्हें सँभालने के लिए लगे लकड़ी की बल्लियां कई बार टूट चुकी हैं. विरोध करने पर मारते-पीटते हैं. हमारे घर के सामने तेज़ आवाज़ में गाना बजाते हैं. लड़कियों को परेशान करते हैं."

रानी गौतम ने आगे बताया कि क़ुरैशा बेग़म ने उनसे बीस हज़ार रुपये लेकर उनके बेटे से अपनी बेटी की शादी करने की बात कही. जब रानी ने धर्म परिवर्तन से मना किया तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी और उनकी बेटी को घसीटने लगे फिर पुलिस को बुलाने पर सब भाग गए.

रानी गौतम जिन लोगों पर आरोप लगा रही हैं वो भी इनके पड़ोसी ही हैं और उनके घर भी यहां से दो-तीन घर छोड़कर आगे की ओर हैं. इनमें से सलमान, सद्दाम और मुकुल के ख़िलाफ़ रानी गौतम एफ़आईआर भी दर्ज करा चुकी हैं.सलमान और सद्दाम सगे भाई हैं जबकि मुकुल का घर इनके सामने है. सलमान की मां क़ुरैशा बेग़म ने अपनी सफाई में कहा कि ,"ये हम पर धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगा रही हैं. आप ही सोचिए, हमारे पास तो अपने खाने-पीने के पैसे नहीं हैं, हम बीस हज़ार रुपये देकर किसी का धर्म परिवर्तन कहां से कराएंगे और क्यों कराएंगे?"

क़ुरैशा बेग़म कहती हैं कि पुलिस वालों से भी ये लोग धर्म परिवर्तन की शिकायत दर्ज करने का दबाव बना रहे हैं लेकिन पुलिस ने नहीं दर्ज किया है क्योंकि पुलिस वालों को सच्चाई मालूम है. यही नहीं, बस्ती के तमाम लोग भी इस बात पर यक़ीन नहीं कर पा रहे हैं कि किसी लड़की के धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया गया है.

विमला देवी भी धर्म परिवर्तन वाली बात से इनकार करती हैं. विमला देवी यह भी कहती हैं कि यहां सभी लोग ग़रीब हैं और किसी तरह से छोटे-मोटे काम करके अपना जीवन-यापन कर रहे हैं.ऐसे में कोई किसी का धर्म बदलने के लिए बीस हज़ार रुपये कहां से दे देगा.

कानपुर दक्षिण की पुलिस उपायुक्त रवीना त्यागी कहती हैं कि रानी गौतम के शिकायती पत्र में छेड़छाड़ के साथ धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने का भी आरोप लगाया गया जिसकी जांच की जा रही है. रवीना त्यागी ने बताया, "इनकी शिकायत पर सद्दाम, सलमान और मुकुल के ख़िलाफ़ धारा 354 के तहत एफ़आईआर दर्ज की गई है. एफ़आईआर में विवेचना के दौरान ज़बरन धर्मान्तरण के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया गया और कार्रवाई की मांग की गई. इस सम्बन्ध में जांच की जा रही है."जिन तीन युवकों पर धर्म परिवर्तन का आरोप लगा है उनमें सद्दाम की उम्र 25 साल है जबकि सलमान और मुकुल की उम्र 15 साल है. स्थानीय थाने में इन तीनों के ख़िलाफ़ कभी कोई शिकायत नहीं आई है.

बजरंग दल से जुड़ी दुर्गा वाहिनी की प्रांत संयोजिका रूबी सिंह कहती हैं, "पुलिस वालों ने जब उनकी शिकायत नहीं सुनी तो वो बहनें हमारे पास आईं और हमने देखा कि मुस्लिम लड़के किस तरह से और लगातार परेशान कर रहे हैं. पुलिस ने यदि कार्रवाई की होती तो बजरंग दल को बीच में आने की ज़रूरत ही नहीं थी. लेकिन यदि पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी तो बजरंग दल के लोग ख़ुद अपनी बहनों की रक्षा करने में सक्षम हैं."

हालांकि रानी गौतम इस बात से इनकार करती हैं कि वो ख़ुद बजरंग दल के लोगों से मिली थीं. उनका कहना है कि पुलिस में शिकायत करने जब वो गई थीं तो वहीं बजरंग दल के लोग मिले और हमारी मदद करने की बात कही. बजरंग दल के तमाम कार्यकर्ताओं ने रामगोपाल चौराहे पर सभा की और पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बनाया. उसी दौरान कुछ लोग बस्ती के अंदर अभियुक्तों की तलाश में आ गए.

इस मामले में पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि जब अफ़सार अहमद को पीटा जा रहा था तो पुलिस कुछ ही दूरी पर थी. यहां तक कि वीडियो में पुलिस की मौजूदगी में भी अफ़सार को पीटते हुए देखा जा सकता है. वीडियो वायरल होने के बाद इस घटना के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज हुई और तीन लोग गिरफ़्तार भी किए गए लेकिन रात में ही उन्हें थाने से ज़मानत मिल जाने को लेकर भी पुलिस सवालों के घेरे में है.हालांकि कानपुर के पुलिस आयुक्त असीम अरुण कहते हैं कि मारपीट करने वाले दोषियों की तलाश जारी है और किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा.

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