एक तरफ जहां कोरोना के संकट काल में मानव जीवन खतरे में है, वहीं कुछ लोग इस आपदा को अवसर मान बैठे हैं। अस्पतालों में लूट मची हुई है। ऐसा ही एक मामला कानपुर में सामने आया है।
कानपुर में कोरोना काल में उगाही, इलाज में लापरवाही से महिला की मौत के मामले में तुलसी अस्पताल के सीएमडी समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। किदवई नगर एच-ब्लॉक निवासी अतुल देव ने पुलिस को बताया कि सांस लेने में तकलीफ होने पर मां गीता गुप्ता (63) को तुलसी हॉस्पिटल में डॉ. आंचल कपूर को दिखाया था।
डॉक्टर ने उन्हें भर्ती कर लिया था। दो दिन बाद आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। 23 अप्रैल की शाम डॉ. आंचल ने रेमडेसिविर इंजेक्शन तत्काल लगाने की बता कर हॉस्पिटल के सीएमडी शेखर गुप्ता से संपर्क करने की सलाह दी। आरोप है कि शेखर गुप्ता ने 55 हजार रुपये प्रति इंजेक्शन की दर से छह इंजेक्शन 3,30,000 रुपये के बेचे।
इंजेक्शन के रुपये नगद अस्पताल के डॉ. पुष्पेंद्र गुप्ता को देने को कहा। रुपये दे दिए गए। 16 मई को इलाज में लापरवाही से मां की मौत हो गई। पीड़ित के अनुसार अस्पताल में मां के भर्ती होने के दौरान करीब 19 लाख रुपये खर्च वसूला गया। और पैसे मंगाने के लिए प्रबंधन ने गालीगलौज व धमकी दी। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने सीएमडी, डॉ. आंचल कपूर व डॉ. पुष्पेंद्र गुप्ता के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है।