संयुक्त संसदीय समिति ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला। वहीं 11 मेंबर्स ने विरोध किया। संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने 29 जनवरी बुधवार को कहा समिति ने मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को बहुमत से स्वीकार कर लिया है, सांसदों को अपनी असहमति दर्ज करने के लिए शाम चार बजे तक का समय दिया गया है.
Waqf Amendment Bill: बता दें सोमवार को जेपीसी के सामने विपक्ष की ओर से वक्फ संशोधन बिल के कुल 44 खंडो में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन सभी को अस्वीकार कर दिया गया। वहीं सत्ता पक्ष से जुड़े हुए सांसदों ने जो 14 खंडो में संशोधन का प्रस्ताव दिया था उसे स्वीकार कर लिया गया है।
लोकसभा में वक्फ संशोधन मे कुल 44 बिल पर अलग अलग प्रावधान रखे गए थे, लेकिन जब बिल संसद की संयुक्त समिति के सामने आया तो सिर्फ सत्ता पक्ष के 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया था
विपक्ष ने भी संशोधन के लिए सुझाव दिए थे। हमने उनमें से प्रत्येक संशोधन को आगे बढ़ाया और इसे वोट के लिए रखा गया, लेकिन उनके (सुझाए गए संशोधनों) के समर्थन में 10 वोट पड़े और विरोध में 16 वोट पड़े। सूत्रों के मुताबिक 14 संशोधन प्रस्तावित बदलावों पर मतदान 29 जनवरी को होगा और इसकी अंतिम रिपोर्ट 31 जनवरी तक जमा की जाएगी। समिति को मूल रूप से 29 नवंबर तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था, लेकिन इस समय सीमा को बजट सत्र के अंतिम दिन 13 फरवरी तक बढ़ा दिया गया।
वक्फ संशोधन विधेयक Bill में यह प्रस्ताव हुए मंजूर
अभी तक वक्फ संशोधन बिल में कहा गया था कि जिला का कलेक्टर तय करेगा की संपत्ति वक्फ के अधीन आती है या नहीं और वक्फ ट्रिब्यूनल में 2 कि जगह 3 सदस्य होंगे, जिसमें अब एक इस्लामिक स्कॉलर नया जुड़ेगा. अभी तक वक्फ संशोधन बिल में ट्रिब्यूनल में सिर्फ 2 सदस्य रखने की बात की गई थी. एक प्रस्ताव ऐसा भी कि समिति में पारित हुए प्रस्ताव के मुताबिक, वक्फ बोर्ड/कौंसिल में कम से कम दो गैर मुस्लिम सदस्य तो रहेंगे ही. इस लिहाज से वक्फ बोर्ड/कौंसिल में अब तक जो राज्य/केंद्र के अधिकारी रहते थे ( गैर मुस्लिम या मुस्लिम) उनके अलावा भी कम से कम दो गैर मुस्लिम सदस्य रहेंगे ही, जबकि वक्फ संसोधन बिल के मुताबिक वक्फ बोर्ड में पहले 2 गैर मुस्लिम सदस्यों की बात थी.