Trending News

राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं को सीएम योगी ने किया सम्मानित

[Edited By: Punit tiwari]

Saturday, 13th February , 2021 02:58 pm

लखनऊ-उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया और उनसे संवाद भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप पांचों ने अपने-अपने क्षेत्र में कुछ विशिष्ट करके दिखाया है। यह बात इस बात को साबित करती है कि हर व्यक्ति में प्रतिभा है। उस प्रतिभा को समाज के सामने लाने और उसे एक मंच प्रदान करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के हम सब आभारी हैं। जिन्होंने देश के अंदर एक बहुत पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम से चयन की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है और उसका परिणाम है कि भारत सरकार के जितने भी पुरस्कार आ रहे हैं, चाहे बाल पुरस्कार हो या प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार हो। पूरे पारदर्शी तरीके से उन लोगों को प्रदान किए जा रहे हैं। जिन्होंने समाज में कुछ विशिष्ट योगदान दिया है।

सीएम योगी ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति एक बात कहती है कि अयोग्य: पुरुषो नास्ति योजक: तत्र दुर्लभ: यानी कोई व्यक्ति अयोग्य नहीं है। कोई अच्छा योजक मिल जाए तो हर व्यक्ति अपनी प्रतिभा का लोहा मना सकता है। प्रतिभा केवल एक फील्ड में नहीं हो सकती है, जीवन के किसी भी क्षेत्र में व्यक्ति अपनी प्रतिभा समाज के सामने ला सकता है। कला, संस्कृति, साहित्य और साइंस या जीवन के किसी भी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा को बढ़ाने का काम व्यक्ति कर सकता है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आप पांचों बच्चों में कुछ अलग करने का साहस है। हरेक व्यक्ति को अपने जीवन में एक अवसर मिलता है, जो उसके जीवन का टर्निंग प्वाइंट होता है। जहां पर उसने सकारात्मक निर्णय लिया तो वह महानता के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। लेकिन दृष्टिकोण नकारात्मक हो तो वह व्यक्ति अपने लक्ष्य को कभी भी प्राप्त नहीं कर सकता है। महानता को प्राप्त करने का जो रास्ता है वह सकारात्मक होना चाहिए और वह सकारात्मक दृष्टिकोण एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से आगे आएगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लखनऊ के 10 साल के व्योम आहूजा, बाराबंकी के 15 साल के कुंवर दिव्यांश सिंह, गौतमबुद्धनगर के 16 साल के चिराग भंसाली, अलीगढ़ के 17 साल के मोहम्मद शादाब और प्रयागराज के 17 साल मोहम्मद ने अपने-अपने फील्ड में कुछ नया करने का प्रयास किया है। याद रखें कि कोई भी कार्य हम पुरस्कार प्राप्त करने के लिहाज से न करें। हमारा कार्य सही दिशा में आगे बढ़ने का है। भगवा श्रीकृष्ण ने कहा है कि कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि।। अर्थात निष्काम भाव से कर्म करना चाहिए।

Latest News

World News