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23 साल की सुभाश्री को किसने मारा?, सत्तासीन पार्टी की अवैध होर्डिंग या कुछ और...

[Edited By: Admin]

Friday, 13th September , 2019 04:45 pm

तमिलनाडु के चेन्नई में गुरुवार को 23 साल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुभाश्री अपनी स्कूटी से ऑफिस से पल्लावरम होते हुए थोराईपक्कम रेडियल रोड अपने घर जा रही थीं। अचानक एक बड़ी होर्डिंग उनके ऊपर जोरदार आवाज के साथ गिर पड़ी। होर्डिंग सिर पर गिरते ही सुभाश्री एक तेज रफ्तार टैंकर से टकरा गईं। इस दुर्घटना में सुभाश्री की मौके पर ही मौत हो गई। मामले की जांच में एक बड़ी बात सामने आई जो ये है कि सुभाश्री जिस वजह से 'काल के गाल' में समाईं दरअसल वो होर्डिंग अवैध थी। होर्डिंग  बिना किसी मानक के वहां लगा दी गई थी। जिसमें सत्तासीन पार्टी AIADMK का बैनर लगा हुआ था। इस घटना के बाद से ही ट्विटर पर हैश टैग #WhoKilledShubashree ट्रेंड कर रहा है।

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सुभाश्री के सिर पर था हेलमेट

घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी मुताबिक सुभाश्री ने सिर पर हेलमेट पहना हुआ था। इस मामले पर मद्रास उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि वह अवैध होर्डिंग के खिलाफ कई बार आदेश पारित करके थक चुका है। न्यायमूर्ति शेषासई ने कहा कि इस देश में लोगों की जान की कोई परवाह नहीं है। यह नौकरशाही की उदासीनता है। माफ कीजिए हमें सरकार पर भरोसा नहीं है।

होर्डिंग में राज्य के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी और उप-मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम और पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की तस्वीरें लगी हुई थीं। जिसे सत्तासीन एआईएडीएमके के स्थानीय नेता ने लगाया था। इस स्थानीय नेता का नाम सी जयगोपाल है। जिसने यह होर्डिंग अपने परिवार की एक शादी के लिए लगवाए थे। जिसमें शिरकत करने के लिए पनीरसेल्वम या पलानीस्वामी आने वाले थे।

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प्रशासन ने सील की होर्डिंग छापने वाली प्रेस

चेन्नई दक्षिण क्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त सी माहेश्वरी ने कहा, 'होर्डिंग्स अनधिकृत हैं। जिसने इन्हें लगाया है हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।' टैंकर के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। चेन्नई के नागरिक निकाय ने कथित तौर पर होर्डिंग को छापने वाले प्रेस को सील कर दिया है। वहीं राज्य में इस घटना के बाद विपक्ष को सरकार पर हमला बोलने का एक मौका मिल गया है।

स्टालिन ने इंजीनियर की मौत को बताया सरकार की लापरवाही

डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने पूछा है कि सत्ता के भूखे और अराजकतावादी शासन और कितनी जिंदगियां लेगा? उन्होंने कहा, 'सुभाश्री की मौत सरकार की लापरवाही और अक्षम पुलिस अधिकारियों के कारण हुई है। अवैध बैनर ने एक और जिंदगी ले ली। सत्ता के भूखे और अराजकतावादी शासन और कितनी जिदंगियां लेना चाहता है?'

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कौन है जिम्मेदार?

वहीं डीएमके के विधायक ई करुणानिधि ने पूछा है कि लड़की की मौत का आखिर जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा, 'इस बैनर को सत्तासीन पार्टी ने लगाया था। हमारी पार्टी इस बात की वकालत करती रही है कि बैनर संस्कृति को अब खत्म कर देना चाहिए। अब युवा लड़की की मौत का जिम्मेदार कौन है? पीड़िता के परिवार वालों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए।'

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एआईएडीएमके ने पार्टी के कैडरों से की बैनर न लगाने की अपील

हादसे के बाद एआईएडीएमके ने अपने कैडरों से कहा है कि उन्हें ऐसे बैनर या पोस्टर नहीं लगाने चाहिए जिससे जनता को असुविधा हो। कुछ अति उत्साही कैडरों ने इन बैनरों को समाज और आम जनता पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को महसूस किए बिना लगाया। हमें इस तरह के बैनरों के कारण जनता को होने वाली कठिनाईयों के बारे में जानने से पीड़ा होती है।

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