यूपी के रायबरेली में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई उन्नाव रेप पीड़िता की हालत खराब होती जा रही है। उसके खून में इलाज के दौरान बैक्टीरिया हावी था। इसी कारण ट्रामा सेंटर में उसके ऊपर दवाइयां बेअसर थीं। वहीं पीड़िता का वकील कोमा में है।
पीड़िता में एंटिरोकोकस बैक्टीरिया की पुष्टि हुई है। विशेषज्ञों ने इसे मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस करार दिया। विशेषज्ञों के मुताबिक यह बैक्टीरिया काफी रेयर है और मल में पाया जाता है। यह ब्लड में कैसे पहुंचा इसका पता लगाया जाना चाहिए। इस बैक्टीरिया की वजह से दवाएं बेअसर हो जाती हैं।
लखनऊ के केजीएमयू में उन्नाव पीड़िता के कल्चर टेस्ट रिपोर्ट में खून में खतरनाक बैक्टीरिया होने की बात सामने आई है। इसकी वजह से उसे दी जाने वाली प्रमुख सात एंटीबायोटिक दवाओं में से छह बेअसर साबित हो रही हैं। केजीएमयू अब पीड़िता के कल्चर रिपोर्ट को एम्स भेजेगा। ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान पीड़िता का कल्चर टेस्ट किया गया था जिसकी रिपोर्ट सामने आई है। इसकी रिपोर्ट एम्स भेज दी जाएगी।
विशेषज्ञों के मुताबिक, एंटिरोकोकस बैक्टीरिया खतरनाक है। यह मरीजों के खून में प्राय: नहीं पाया जाता है। दावा है कि यह बैक्टीरिया अधिकतर मल (फीकल) में पाया जाता है। ब्लड में बैक्टीरिया होने से अब सेप्टीसीमिया से निपटना चुनौती होगी।
आइसीयू में भर्ती मरीजों को दी जाने वाली प्रमुख एंटीबायोटिक के प्रभाव की टेस्टिंग की गई। लैब में ड्रग सेंसिटीविटी टेस्टिंग में इस दौरान सात एंटीबायोटिक दवाओं की जांच की गई। उसमें से पीड़िता पर छह एंटीबायोटिक बेअसर पाई गईं। इसमें वैंकोमाइसिन, लिवोफ्लॉक्सासिन, एरिथ्रोमाइसिन, जेंटामाइसिन-हाई, सिप्रोफ्लॉक्सासिन, एमिसिलिन जैसी एंटीबायोटिक दवाओं का ड्रग रजिस्टेंस मिला। विशेषज्ञों ने इसे मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस करार दिया।
ब्लड में बैक्टीरिया पहुंचने पर विशेषज्ञों ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह बैक्टीरिया मरीज के चेस्ट ट्यूब डालने, इंडोटै्रकियल वेंटिलेटर ट्यूब से, दवा देने के लिए डाली गई सेंट्रल लाइन से, यूरिन कैथेटर से व साफ-सफाई का ध्यान न रखने से फैलता है। जाहिर है कि केजीएमयू की वेंटिलेटर यूनिट में इंफेक्शन कंट्रोल का ठोस प्रबंध नहीं है। अभी गत माह भर्ती मरीज में कैंडिडा ऑरिस बैक्टीरिया पाया गया था, जिसकी मौत भी हो गई थी।
उन्नाव रेप केस में सीबीआई ने बुधवार को कोर्ट को बताया कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ अपहरण, बलात्कार, साजिश और धमकाने के आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। जांच एजेंसी ने पीड़िता के बयान को आधार बनाते हुए दावा किया कि सेंगर के खिलाफ इन आरोपों में केस चलाया जा सकता है। डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज धर्मेश शर्मा की अदालत में सरकारी वकील ने दावा किया कि पीड़िता को धोखे से विधायक के आवास पर लाया गया, जहां उससे रेप हुआ। घटना के वक्त पीड़िता 18 साल की नहीं थी, इसीलिए पॉक्सो प्रावधान में भी सेंगर और शशि सिंह आरोपी हैं। बचाव पक्ष ने दलील दी कि पीड़िता के बयान अविश्वसनीय हैं। बचाव पक्ष ने उस समय पीड़िता के बालिग होने का भी दावा किया। मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
प्रीम कोर्ट ने पीड़िता और उनके वकील को एम्स में भर्ती किए जाने का फरमान सुनाया था. इस आदेश पीड़िता को एयरलिफ्ट करके सोमवार को एम्स लाया गया. जबकि उनके वकील को मंगलवार के दिन एम्स में शिफ्ट किया गया. 28 जुलाई को हुए हादसे के बाद इन दोनों का इलाज लखनऊ के ट्रामा सेंटर में किया जा रहा था. उधर, उन्नाव रेप कांड के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया. बुधवार को इस मामले पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई. जहां सीबीआई ने जज से कहा कि 4 जून 2017 को आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर पीड़िता के साथ बलात्कार करने में शामिल था. साथ ही शशि सिंह के साजिश में शामिल होने का आरोप भी सही है.