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बिहार में जहरीली शराब पीने से 39 लोगों की मौत का मामला संसद में भी गूंजा

[Edited By: Rajendra]

Thursday, 15th December , 2022 01:55 pm

बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से अब तक 39 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। जिसके बाद नीतीश सरकार भारतीय जनता के लगातार निशाने पर है। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हुई दर्दनाक मौतों पर बेतुका बयान देकर सीधा भाजपा के निशाने पर आ गए। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। सुशील मोदी ने निशाना साधते हुए सीएम नीतीश कुमार के शराबबंदी को फेल करार दिया।

बिहार के छपरा में जहरीली शराब से अब तक 39 लोगों की मौतें हो गई हैं। 30 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनकी हालत गंभीर है यानी मौतें और बढ़ सकती हैं। जिस मशरक इलाके में घटना हुई है, वहां थानेदार रितेश मिश्रा समेत 2 लोगों को सस्पेंड किया गया है। जांच के लिए SIT बनाई गई है। अब तक 86 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उधर, CM नीतीश कुमार ने कहा है कि जहरीली शराब से शुरू से लोग मरते हैं। सबको अलर्ट रहना चाहिए, क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही। जो शराब पियेगा वो मरेगा।

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि नीतीश कुमार शराबबंदी को लागू करने में पूरी तरह विफल साबित हुए हैं। वहीं गुजरात में इसे बेहतर तरीके से लागू किया गया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सासंद सुशील मोदी ने कहा कि "मैं मानता हूं कि जहरीली शराब की वजह से दूसरे राज्यों में भी लोग मर सकते हैं। आपने (नीतीश कुमार) बिहार में जब शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया, तो फिर कैसे इतनी बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं, इतनी बड़ी संख्या में लोग जेल कैसे जा रहे हैं?"

भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि "हम शराबबंदी के समर्थन में हैं मगर इसकी समीक्षा किए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री को इस विफलता की जिम्मेदारी लेकर सदन में और भाजपा के विधायकों से क्षमा मांगनी चाहिए।" आगे उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में भाजपा सदस्यो के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के लिए सीएम नीतीश कुमार को माफी मांगनी चाहिए। दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि 'जहरीली शराब से तो शुरू से लोग मरते हैं, जहरीली शराब से अन्य राज्यों में भी लोग मरते हैं। लोगों को सचेत रहना चाहिए क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही। जो शराब पियेगा वो मरेगा ही। इस पर पूरी तरह से एक्शन होगा।'

उन्होंने आगे कहा कि "नीतीश कुमार ने आगे कहा कि 'शराब बहुत बुरी चीज है और इसे याद रखते हुए नहीं पीना है। इसके बाद भी कोई पी लेता है। ज्यादातर लोगों ने इसी पक्ष में सहमति दी है। लेकिन कुछ लोगों का क्या करें। कुछ लोग तो ऐसी गलती करते ही हैं'। उन्होंने आगे कहा कि 'पिछली बार भी जहरीली शराब से मौत हुई थी तो कहा गया था कि उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। जो शराब पीएगा वो तो मरेगा ही ये तो उदाहरण ही सामने है।

बता दें कि शराबबंदी के बावजूद बड़ी संख्या में हुई मौतों पर सदन में जब विपक्ष ने बिहार सरकार पर सवाल उठाए तो सीएम नीतीश अपने गुस्से पर काबू नहीं कर पाए और संसद में ही भड़क उठे।

बिहार के छपरा जिले में बीते दो दिनों में जहरीली शराब पीने से 39 लोगों की मौत का मामला अब संसद में भी गूंजा है। राज्य के मुख्य विपक्षी दल भाजपा के सांसद संजय जायसवाल ने इस मामले में नीतीश सरकार को लोकसभा में घेरा। उन्होंने कहा कि इन मौतों के लिए पूरी तरह से नीतीश सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार कहते हैं कि जो पिएगा वो मरेगा और जो शराब खरीदेगा वो मरेगा। लेकिन वह शराब बेचने वाले लोगों को चुनाव में टिकट दे देते हैं।' उन्होंने कहा कि इन मौतों की जिम्मेदार नीतीश कुमार सरकार ही है। एक तरफ लोग मर रहे हैं तो वहीं नीतीश कुमार विधानसभा में आपा खो रहे हैं। विपक्ष के लोगों से बदसलूकी करते हैं।

संजय कुमार जायसवाल के आरोपों के दौरान सदन में जेडीयू और आरडेडी से जुड़े सांसद हंगामा करते दिखे। बिहार की ही औरंगाबाद लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद सुशील कुमार सिंह ने भी जहरीली शराब से होने वाली मौतों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार की सरकार जहरीली शराब पिलाकर सामूहिक हत्याएं करा रही है। बता दें कि 39 मौतों को लेकर नीतीश कुमार ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में कहा कि जो लोग शराब पिएंगे, वे मरेंगे ही। इसका तो उदाहरण ही सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि जब राज्य में शराबबंदी हमने लागू की है तो फिर शराब नहीं पीनी चाहिए।

जहरीली शराब का मुद्दा भाजपा के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी उठाया। उन्होंने कहा कि मैं कल से एक सूची बना रहा हूं। इस सूची में 52 लोग शामिल हैं, जिनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि वे इस साल जहरीली शराब पीने से मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि 100 से ज्यादा लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है। रूडी ने कहा कि यदि बिहार सरकार ने शराबबंदी की पॉलिसी बनाई है तो फिर उसे ढंग से लागू भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मरने वाले लोगों में उन पिछड़ी और दलित जातियों के लोग हैं, जिनके कल्याण का दावा बिहार की सरकार करती है। उन्होंने कहा कि आखिर पूरे छपरा जिले में कैसे जहरीली शराब से लोग मर रहे हैं। कैसे इस जाल का लोग शिकार हो रहे हैं, इसका जवाब कौन देगा। बिहार की स्थिति बहुत खराब है और मेरी मांग है कि तुरंत केंद्रीय टीम को वहां भेजा जाए। इसकी रिपोर्ट मंगाई जाए कि क्या राज्य सरकार फेल हो गई है।

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