राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की गुटीय लड़ाई निर्वाचन आयोग के दरवाजे तक पहुंच गई है और अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह ने उनके समर्थन में विधायकों और सांसदों के 40 से अधिक हलफनामे दाखिल किए हैं. चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि शरद पवार खेमे ने आयोग के समक्ष एक याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि गुटीय लड़ाई के संबंध में कोई भी निर्देश पारित करने से पहले उनकी बात सुनी जाए.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अजित पवार की बगावत के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज है। इस बीच आज शरद पवार दिल्ली में एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर अपनी ताकत दिखाने वाले हैं। बैठक में देशभर के एनसीपी नेताओं के जुटने की उम्मीद है। इस बीच एनसीपी प्रमुख पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं, उनके साथ बेटी सुप्रिया सुले भी मौजूद हैं। शरद पवार की इस बैठक में पार्टी के सभी पार्टी प्रमुखों और प्रदेश के नेताओं के जुटने की उम्मीद है। इस बैठक के जरिए पवार पार्टी के नेताओं को एकजुट करने की कोशिश में होंगे। पार्टी और उसके चिह्न पर अपना दावा खोने से बचने के लिए शरद पवार का यह जरूरी कदम माना जा सकता है।
इस बीच बैठक से पहले ही एनडीएमसी ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के पोस्टर और होर्डिंग हटा दिए हैं। मौलाना आजाद रोड सर्कल और जनपथ सर्कल के पास पोस्टर हटाए गए हैं। एनसीपी में फूट के बाद बीते दिन शरद पवार और अजित पवार गुट ने पार्टी की अलग-अलग बैठक आयोजित की। दोनों नेताओं की बैठक में काफी नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। हालांकि, भतीजे अजित चाचा शरद पर भारी दिखे। ऐसा इसलिए, क्योंकि अजित गुट की बैठक में एनसीपी के 53 में से 32 विधायक शामिल हुए, वहीं शरद पवार की बैठक में 16 विधायक ही उपस्थित रहे। बाकी बचे पांच में से चार विधायक किसी भी बैठक में नहीं पहुंच सके। वहीं एक विधायक नवाब मलिक अभी जेल में बंद हैं। अजित पवार को पार्टी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया और प्रफुल्ल पटेल पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने रहे। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर भी दावा ठोक दिया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में बड़ी फूट के बीच पार्टी सुप्रीमों शरद पवार गुरुवार को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करने जा रहे हैं. इससे पहले, बुधवार को शरद पवार और अजित पवार ने मुंबई में अपना शक्ति प्रदर्शन किया. दोनों ही खेमों में विधायकों की गोलबंदी देखी गई. जहां, अजित पवार ने दावा किया कि उन्हें 30 से अधिक विधायकों समर्थन हासिल है, तो शरद पवार गुट की बैठक में सिर्फ 18 विधायक ही पहुंचे, जबकि कुछ विधायक किसी भी गुट की बैठक में शामिल नहीं हुए.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने मुंबई में उपमुख्यमंत्री अजित पवार से उनके आवास पर मुलाकात की और दावा किया कि उनके समर्थन से जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) मजबूत होगा वहीं विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) ‘और कमजोर’ होगा. रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के प्रमुख अठावले ने कहा कि पवार के राज्य का उपमुख्यमंत्री बनने के बाद यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी. अठावले केंद्र सरकार में सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री हैं और महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं.
एनसीपी की बैठक से पहले दिल्ली में बाहुबली वाले पोस्टर लगे हैं। पोस्टर बाहुबली फिल्म से लिया गया है, जिसमें कटप्पा बाहुबली पर पीछे से वार करता है। पोस्टर में अजित पवार को कटप्पा, जबकि चाचा शरद पवार को बाहुबली बताया गया है। पोस्टर में गद्दार भी लिखा हुआ है।