गुजरात के हीरा व्यापारी सावजी ढोलकिया की दरियादिली हमेशा से ही सुर्खियों में रहती है। दिवाली और होली पर अपने कर्मचारियों को कार, ज्वैलरी और फ्लैट गिफ्ट करने वाली सूरत की डायमंड कारोबारी कंपनी श्री हरे कृष्णा एक्सपोर्ट इस साल बुरे दौर से गुजर रही है।
कंपनी के मालिक सावजी ढोलकिया का कहना है कि वह इस साल अपने कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा नहीं दे पाएंगे। सावजी ढोलकिया ने कहा कि हीरा उद्योग इस साल 2008 में आई भीषण मंदी से भी ज्यादा बुरे हालात हैं। ऐसे में हम दिवाली पर गिफ्ट का खर्च कैसे उठा सकते हैं? उन्होंने कहा कि हम हीरा कर्मचारियों की नौकरियों को लेकर चिंतित हैं। पिछले 7 महीनों में 40,000 से ज्यादा लोगों की नौकरियां चली गई हैं। इतना ही नहीं, जो कर्मचारी काम कर रहे हैं उनके वेतन में भी 40 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है।
2015 में उनकी कंपनी ने अपने कर्मचारियों को दिवाली बोनस के तौर पर 491 कार और 200 फ्लैट बांटे थे। 2014 में भी कंपनी ने कर्मचारियों के बीच इन्सेंटिव के तौर पर 50 करोड़ रुपये बांटे थे। वर्ष 2018 में भी उन्होंने दिवाली पर अपने प्रसिद्ध हरि कृष्णा ग्रुप की तरफ से बोनस के तौर पर 600 कर्मचारियों को कार और 900 कर्मचारियों को एफडी दी थी।
सावजी ढोलकिया सिर्फ अपने कर्मचारियों के प्रति ही इतने दिलेर नहीं हैं, बल्कि अपने पैतृक गांव के प्रति भी उनका लगाव और समर्पण किसी प्रेरणा से कम नहीं है। कभी सूखे का दंश झेलने वाले गुजरात के अपने पैतृक गांव दुधाला को सावजी ने अपने समर्पण और त्याग के जरिए एक खुशहाल गांव में तब्दील कर दिया है। जहां कभी लोग पानी के लिए तरसते थे, आज उस गांव में 45 तालाब हैं। ढोलकिया का लक्ष्य गांव में 70 तालाब बनाने का है।