दिल्ली में एमसीडी चुनाव के बाद अब मेयर चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। मेयर चुनाव में एकतरफा जीत की उम्मीद लगाए बैठी आप की राह अब आसान नहीं होगी। बीजेपी ने दिल्ली की महापौर पद के लिए रेखा गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। कमलजीत सहरावत स्थायी समिति के लिए बीजेपी की प्रत्याशी होंगी तो वहीं उप महापौर के लिए बीजेपी ने कमल बागड़ी को प्रत्याशी घोषित किया है। सोमवार को ही बीजेपी शामिल हुए निर्दलीय पार्षद गजेंद्र दराल भी स्थायी समिति के लिए बीजेपी के उम्मदवार होंगे।
15 सालों से एमसीडी में काबिज बीजेपी को इस बार दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी से हार का सामना करना पड़ा है। एकीकरण के बाद पहली बार 250 वार्डों में हुए चुनाव में बीजेपी को को 104 तो वहीं आप को 134 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस के खाते में महज 9 सीटें ही आई हैं। हार के बाद बीजेपी ने मेयर का चुनाव नहीं लड़ने की बात कही थी लेकिन अब बीजेपी ने आम आदमी पार्टी खेल बिगाड़ते हुए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है।
बता दें कि आप ने दिल्ली मेयर पद के लिए ईस्ट पटेल नगर से पार्षद शैली ओबेरॉय को अपना उम्मीदवार बनाया है। डिप्टी मेयर पद के लिए मटिया महल से विधायक शोएब इकबाल के बेटे और वार्ड नंबर 76 के पार्षद आले मोहम्मद इकबाल को उम्मीदवार बनाया है।
इस बार स्टैंडिंग कमिटी चेयरमैन, डिप्टी चेयरमैन और 18 सदस्यों का चुनाव बेहद रोचक होने वाला है। ऐसा इसलिए कि एमसीडी में सत्ताधारी और विपक्षी पार्टी के पार्षदों की संख्या में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है। एक या दो जगहों पर क्रॉस वोटिंग से पूरा खेल पलट सकता है। मनोनीत एल्डरमैन पार्षदों की भूमिका भी अहम होगी और बीजेपी इसी फिराक में है। इंतजार सिर्फ उपराज्यपाल के एल्डरमैन मनोनीत करने का है। बीजेपी जो दांव आजमाना चाहती है, उसमें सफल रही तो यह संभव है कि स्टैंडिंग कमिटी चेयरमैन बीजेपी का ही बने।
स्टैंडिंग कमिटी के गणित को समझने के लिए ज्यादा मशक्कत करने की जरूरत नहीं है। स्टैंडिंग कमिटी में कुल 18 सदस्य होते हैं, जिसमें से 6 सदस्य तो सदन से मनोनीत होते हैं। इसमें से 4 सदस्यों को तो आम आदमी पार्टी ने मनोनीत करने के लिए उनके नामों की घोषणा भी कर दी है। 12 सदस्य जोन से चुनकर आते हैं। यानी प्रत्येक जोन से एक-एक सदस्य चुने जाते हैं और यह चुनाव जोनल कमिटी के चेयरमैन द्वारा होता है। जोनल कमिटी का चेयरमैन उसे नियुक्त किया जाता है, जिस पार्टी की जोन में बहुमत है। उलटफेर यहीं होना है। 12 जोन में से नजफगढ़, केशवपुरम, शाहदरा (नॉर्थ), शाहदरा (साउथ) जहां बीजेपी की स्पष्ट बहुमत है। यानी इन चारो जोन में बीजेपी पार्षदों की संख्या आम आदमी पार्टी के पार्षदों की तुलना में अधिक है।
ऐसे में यह तय है कि इन चारों जोन में वॉर्ड कमिटी के चेयरमैन बीजेपी पार्षद ही होंगे और यह भी तय है कि इन चारों जोन से स्टैंडिंग कमिटी के चार मेंबर बीजेपी के होंगे। सेंट्रल, नरेला और सिविल लाइंस जोन में आम आदमी पार्टी व बीजेपी पार्षदों की संख्या में कोई खास अंतर नहीं है। इन जोन में सिर्फ दो या तीन पार्षद ही आम आदमी पार्टी के अधिक हैं। ऐसे में बीजेपी का गेम प्लान यह है कि जैसे ही एलजी द्वारा एल्डरमैन मनोनीत किए जाते हैं, तो उन्हें इन जोन से ही एल्डरमैन पार्षद घोषित कर दिया जाए। अगर ऐसा संभव होता है तो इन तीनों जोन में भी वॉर्ड कमिटी चेयरमैन बीजेपी पार्षदों का बनना तय हो जाएगा। जिससे इन तीनों वॉर्डों से स्टैंडिंग कमिटी मेंबर भी बीजेपी पार्षदों का बनना लगभग तय हो जाएगा। 12 जोन में से 7 पर तब बीजेपी का कब्जा हो जाएगा। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि बाकी 5 जोन में जोड़-तोड़ नीति अपनाई जाएगी। ऐसे में यह संभव है कि क्रॉस वोटिंग हो और पूरा खेल बिगड़ सकता है। A