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चिन्मयानंद बोले-''मुझे अपने कृत्य पर शर्म आती है'' और इस तरह बचते-बचते फंसे पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री

[Edited By: Admin]

Friday, 20th September , 2019 02:58 pm

अपने ही लॉ कॉलेज की छात्रा के यौन शोषण केस में गिरफ्तार पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है. मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का दावा है कि चिन्मयानंद ने पीड़ित लड़की को मसाज के लिए बुलाने में अपनी गलती स्वीकार की. उन्होंने (चिन्मयानंद) कहा कि मुझे अपने कृत्य पर शर्म आती है.

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चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के बाद चिन्मयानंद की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा था कि अगर सरकार इंतजार कर रही है कि वह खुद ही मर जाए तो वह खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा लेगी. शुक्रवार की सुबह चिन्‍मयानंद को उनके आश्रम से गिरफ्तार किया गया है. लॉ की छात्रा ने चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. इससे पहले एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने कहा था कि, हमें 23 सितंबर तक पूरी जांच रिपोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय को देनी है और वह इस विवेचना में दोनों मामलों में कड़ी से कड़ी जोड़ रहे हैं.
इससे पहले चिन्मयानंद की हालत ज्यादा खराब होने की वजह से बुधवार को उन्हें शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एम पी गंगवार ने बताया बताया था कि चिन्मयानंद की तबीयत बिगड़ने के कारण मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां उन्हें आठ नंबर वार्ड में भर्ती किया गया था. डॉक्टर ने उन्‍हें देखा और उन्हें आवश्यक दवाई दी गई.
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बेचैनी और कमजोरी के अलावा दस्त की समस्या

डॉ. गंगवार ने चिन्‍मयानंद के स्‍वास्‍थ्‍य के विषय में बताया था कि उन्‍हें बेचैनी और कमजोरी के अलावा दस्त की समस्या थी. एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मुख्य सचिव ने विशेष जांच टीम बनाई है. उन्होंने कहा कि अपराध संख्या 442 तथा 445, दोनों विवेचना का हमारी टीम ने अवलोकन किया. पुलिस ने जो कार्रवाई की थी, वह भी देखी. उसके बाद योजना बनाकर कार्य शुरू किया गया.  
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जानिए कौन हैं चिन्मयानंद

  1. चिन्मयानंद का असली नाम कृष्णपाल सिंह है. उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं. चिन्मयानंद राम मंदिर आंदोलन के बड़े नेताओं में शुमार थे. वाजपेयी सरकार में उनको केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाया गया था.
  2. चिन्मयानंद ने लखनऊ विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की थी. चिन्मयानंद का शाहजहांपुर में आश्रम भी है और वहां वह एक लॉ कॉलेज भी चलाते हैं. 
  3. चिन्मयानंद पहली बार बीजेपी के टिकट पर उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट से साल 1991 में सांसद चुने गए.  साल 1998 में मछलीशहर और 1999 में जौनपुर से सांसद चुने गए. 
  4. वह गोरखपुर की गोरक्षा पीठ के महंत और पूर्व सांसद अवैद्यनाथ के काफी करीबी थे. यही वजह हो सकती है कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से उनके अच्छे संबंध हैं.
  5. साल 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान चिन्मयानंद योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाने की वकालत कर रहे थे.
  6. एसआईटी ने चिन्मयानंद के लॉ कॉलेज स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय के अभिलेख, खसरा खतौनी भी मांगे हैं. इसके अलावा कुछ छात्रों का शैक्षिक रिकार्ड भी मांगा है. 
  7. इस मामले में पीड़िता के पिता की ओर से कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने की धाराओं में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया था. 
  8. आपको बता दें कि साल 2011 में भी चिन्मयानंद के खिलाफ शाहजहांपुर में उनकी पूर्व शिष्या साध्वी ने रेप का केस दर्ज कराया था.  साध्वी का कहना था कि वह जब स्वामी के साथ थी तब उन्होंने बलात्कार किया था.

बचते-बचते फंस गए स्वामी चिन्मयानंद

यौन शोषण के आरोपों से घिरे स्वामी चिन्मयानंद इस मामले से बचते-बचते फंस गये. वह भी मात्र 25 लाख रुपये बचाने के चक्कर में. स्वामी जी के लिए 25 लाख मामूली रकम है, वह तो करोड़ों खर्च करने को तैयार थे, लेकिन उनके अपने लोगों को यह मंजूर नहीं था, वह तो अपने रसूख और दबंगई से आरोपी छात्र और उसके मित्र को ही गायब करना चाहते थे, लेकिन बात ऐसी बिगड़ी कि अब लेने के देने पड़ रहे हैं.

मिली जानकारी के अनुसार एसएस लॉ कॉलेज की छात्रा के गंभीर आरोपों से घिरे स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें, उन्हीं लोगों ने बढ़ा दीं जो उनके शुभचिंतक बन रहे थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्वामी के आपत्तिजनक वीडियो छात्रा के दोस्त संजय के हाथ लगे तो उसके दिमाग में स्वामी से रंगदारी मांगने का आइडिया आ गया. बात पांच करोड़ से शुरू हुई तो स्वामी चिन्मयानंद तो हक्काबक्का रह गए. स्वामी ने अपने ही कुछ खास लोगों को संजय को मनाने के लिए लगाया, लेकिन वह रुपये कम नहीं कर रहा था. जैसे-तैसे बात एक करोड़ तक आई और फिर 25 लाख पर आकर अटक गई. यहां पर स्वामी के खासमखास बन रहे लोगों ने टांग अड़ाई और इससे भी कम में मामला निपटा देने का आश्वासन दे दिया.

इधर मामले में जब देरी हुई तो छात्रा ने स्वामी पर गंभीर आरोप लगाते हुए वीडियो वायरल कर दिया और दिल्ली पहुंच गई. चूंकि स्वामी के खासमखास जो मामले को कम से कम रुपये में निपटाने में लगे थे, वह दिल्ली पहुंचे और छात्रा व संजय को लेकर राजस्थान जाने की बात कहकर निकल लिए. बताते हैं कि यहीं पर ड्राइवर ने सोची समझी रणनीति के तहत स्वामी से पांच करोड़ की रंगदारी मांगे जाने का जिक्र किया तो गाड़ी में मौजूद छात्रा और संजय व सचिन सेंगर एक दूसरे को यह दोष देने में लग गए कि मेसेज भेजने की क्या जरूरत थी, एक बार सोच तो लेते. इन सब बातों का वीडियो बनता रहा ताकि समय आने पर इस वीडियो को सामने लाने पर रंगदारी मांगने वाले कार्रवाई के डर से पीछे हट जाएंगे, लेकिन तब तक देर हो गई और छात्रा के लापता होने पर पिता के तहरीर देने के साथ मामला चर्चा में आ गया.मामला सुलझने के बजाय उलझ गया.

एसआईटी की जांच के दौरान जब दोनों पक्षों को यह लगा कि अब फंसने वाले हैं तो जहां स्वामी का तेल मालिश वाला वीडियो वायरल कर दिया गया, वहीं एक गाड़ी में बैठकर छात्रा और उसके दोस्तों का पांच करोड़ की रंगदारी मांगे जाने वाला वीडियो भी वायरल कर दिया गया. दोनों पक्ष की ओर से वीडियो सामने आ जाने से एसआईटी की जांच ने तेजी पकड़ ली और स्वामी पर शिकंजा कसता चला गया. वहीं रंगदारी मामले में संजय, विक्रम, सचिन सेंगर, सोनू की मुश्किलें भी कम नहीं हुई हैं.

वहीं, कोर्ट में बयान दर्ज होने के 24 घंटे बाद भी दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज न होने पर पीड़ित छात्रा का गुस्सा भड़क गया. उसने एसआईटी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कोर्ट में बयान देने के बाद एसआईटी आखिर अब किस बात का इंतजार कर रही है. चिन्मयानंद को क्यों गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. उसने आरोप लगाया कि वह गिरफ्तारी से बचने को बीमारी का नाटक कर रहे हैं. पीड़ित छात्रा ने कहा कि सोमवार को उसने कोर्ट में 164 के तहत बयान दर्ज कराए हैं.दुष्कर्म मामले में क्या कार्रवाई चल रही है, 24 घंटे के अंदर वह इस मामले में एसआईटी से पूछना चाहती है. उसने सवाल किया कि अब एसआईटी और शासन प्रशासन किस बात का इंतजार कर रहा है. कोर्ट में बयान दर्ज कराए 24 घंटे हो गए लेकिन स्वामी चिन्मयानंद को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. एसआईटी आगे क्या कार्रवाई कर रही है, इस संबंध में उसे जानकारी तक नहीं दी जा रही है.छात्रा ने कहा कि यदि वह किसी वजह से एसआईटी के पास नहीं जा पा रही है तो क्या मोबाइल पर बात करना भी मुश्किल है.

चिन्मयानंद के बीमार हो जाने के सवाल पर छात्रा ने कहा कि स्वामी बच्चा बन रहे हैं. बच्चे को स्कूल नहीं जाना होता है तो वह भी कुछ ऐसा ही करते हैं. जेल न जाना पड़े स्वामी इसलिए बीमारी का नाटक कर रहे हैं. बहाना करके लेट गए हैं. छात्रा ने बताया कि वह बहुत बहानेबाज हैं. जब उन्हें कहीं नहीं जाना होता था तो इसी तरह बीमारी का बहाना बनाते थे.एलएलएम की छात्रा द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों से घिरे चिन्मयानंद के शिक्षण संस्थान एसएस लॉ कॉलेज से पढ़कर निकलीं कुछ छात्राओं ने पिछले कुछ दिनों से चल रहे घटनाक्रम पर अफसोस जाहिर करते हुए बताया कि उनके समय में भी ऐसी कुछ बातें सुनी जाती थीं. अब उन्हें उनका मतलब समझ में आ रहा है. एक पूर्व छात्रा ने बताया कि इसीलिए उस वक्त छात्राओं से कहा जाता था कि स्वामी के सामने मत पड़ना. आज ये पूर्व छात्राएं शहर की प्रतिष्ठित वकील हैं. इन्होंने स्पष्ट शब्दों में स्वामी की हरकतों को गलत ठहराया है. कहा कि ऐसे व्यक्ति को जरूर सजा मिलनी चाहिए, ताकि लोग सबक ले सकें.
इरम फातिमा ने वर्ष 2018 में एसएस लॉ कॉलेज से एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण की. अब वह रजिस्ट्रेशन कराकर जजी कचहरी परिसर में वकालत कर रही हैं. उन्होंने छात्रा-स्वामी प्रकरण को लेकर बताया कि कभी-कभी कॉलेज स्टाफ के कुछ लोग कह दिया करते थे कि स्वामी के सामने मत पड़ना, पूछने पर हंसकर टाल देते थे, लेकिन अब समझ आ गया कि आखिर लोग इस तरह की बातें क्यों कर रहे थे. फातिमा का कहना है कि हालांकि उन्होंने स्वामी को कॉलेज में चीफ गेस्ट के रूप में आते देखा, लेकिन कॉलेज में स्वामी की ओर से और क्या चल रहा है, यह बातें उसके सामने नहीं आ पाईं थीं.

जजी कचहरी में वकालत कर रहीं रिचा सक्सेना ने एसएस लॉ क़ॉलेज से पहले बैच में 2006 में एलएलबी की पढ़ाई पूरी की. वह चिन्मयानंद और छात्रा प्रकरण को लेकर व्यथित हैं. कहा कि पुराने दुष्कर्म के मामले में सरकार ने केस को वापस लेने की कोशिश की. इसलिए स्वामी का हौसला बढ़ गया और कॉलेज की छात्रा के साथ दुष्कर्म, शारीरिक शोषण किया. उन्होंने कॉलेज के प्राचार्य पर आरोप लगाया कि जब से वह लॉ कालेज के प्राचार्य बनकर आए हैं, तब से कॉलेज का माहौल खराब हो गया है. घिनौने काम के लिए शिक्षा संस्थान को चुना यह तो और भी गलत है. उन्हें अफसोस है कि वह जिस कॉलेज से पढ़कर निकलीं, उसी कॉलेज प्रबंधक के खिलाफ लड़ना पड़ रहा है.

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