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सुप्रीम कोर्ट ने मोरबी ब्रिज हादसे के जुड़े मामले में याचिका स्वीकार की

[Edited By: Rajendra]

Tuesday, 1st November , 2022 12:19 pm

गुजरात के मोरबी में केबल तारों से बने 150 साल पुराने ब्रिज के ढहने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए मामले की पहली सुनवाई आगामी 14 नवंबर को तय की है। वहीं, हादसे की बात की जाए तो इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 135 पहुंच गई है। आज मोरबी अस्पताल में एक और मरीज ने दम तोड़ा। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी आज अस्पताल का दौरा कर घायलों से मिल सकते हैं।

गुजरात में बुधवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज मोरबी में मृतकों के परिजनों और घायलों से मुलाकात करेंगे। उनके मोरबी दौरे से पहले रातोंरात सिविल अस्पताल का रंग-रोगन और मरम्मत की गई है। मरीजों के वार्ड में नए बेड और वाटर कूलर भी लगाए गए हैं। इसी अस्पताल में कल 100 शव लाए गए थे।
विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अस्पतालों की मरम्मत पर तंज किया है। कहा- भाजपा इवेंट मैनेजमेंट में जुटी है ताकि प्रधानमंत्री का फोटोशूट हो सके।

एक वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। जिसमें अधिवक्ता ने राज्य सरकारों को पर्यावरणीय व्यवहार्यता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुराने और जोखिम भरे स्मारकों और पुलों के सर्वेक्षण और जोखिम मूल्यांकन के लिए समिति बनाने के निर्देश देने की भी मांग की है। याचिका में राज्यों में स्थायी आपदा जांच दल को इस तरह की त्रासदियों में तुरंत शामिल होने के निर्देश देने की भी मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख आगामी 14 नवंबर तय की है।

गौरतलब है कि ब्रिटिश काल में बना एक सस्पेंशन ब्रिज रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भयावह हादसे में मरने वालों की संख्या 135 पहुंच गई है। जबकि कई लोग घायल हैं और उनका मोरबी अस्पताल में इलाज चल रहा है। शाम करीब साढ़े छह बजे जब यह पुल दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो लोगों से खचाखच भरा हुआ था। जानकारी के मुताबिक, व्यापक मरम्मत और नवीनीकरण के बाद पांच दिन पहले सदी पुराने पुल को फिर से खोल दिया गया था।

इस बीच, पुलिस ने सोमवार को ओरेवा समूह के चार लोगों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें दो प्रबंधक और पुल का प्रबंधन करने वाले ओरेवा समूह के दो टिकट बुकिंग क्लर्क शामिल हैं। साथ ही रखरखाव और संचालन के लिए काम करने वाली फर्मों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। रविवार की शाम के इस घटना का वीडियो फुटेज भी सामने आया, जिसमें कुछ सेकंड में पुल टूटते हुए दिख रहा है। जानकारी यह भी सामने आ रही है कि पांच दिन पहले व्यापक मरम्मत के बाद पुल को फिर से जरूर खोला गया था, लेकिन फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं था। रविवार शाम 6.30 बजे तब हुआ, जब 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। इसकी क्षमता महज 100 लोगों की थी। यहां 500 से ज्यादा लोग जमा हो गए थे। चश्मदीदों ने तो बताया कि वहां पर हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे। 26 अक्टूबर को खोले जाने के 5 दिन बाद ही यह हादसा हुआ।

ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। गुजरात पुलिस ने कहा कि 50 लोगों की टीम पुल हादसे की जांच में जुटी है। जिम्मेदारों पर धारा 304, 308 और 114 के तहत केस दर्ज किया गया है। IG ने कहा- अभी तक जिनकी भूमिका सामने आई, उन्हें गिरफ्तार किया गया। जैसे-जैसे नाम सामने आते जाएंगे और गिरफ्तारियां होती जाएंगी। अब तक 9 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें ओरेवा कंपनी के अफसर भी शामिल हैं। इसी कंपनी को ब्रिज की जिम्मेदारी दी गई है।

मोरबी का केबल सस्पेंशन ब्रिज 20 फरवरी 1879 को शुरू किया गया था। 143 साल पुराना होने से इसकी कई बार मरम्मत हो चुकी है। हाल ही में 2 करोड़ रुपए की लागत से 6 महीने तक ब्रिज का रेनोवेशन हुआ था। गुजराती नव वर्ष यानी 26 अक्टूबर को ही यह दोबारा खुला था, लेकिन बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के इसे खोला गया। फोरेंस‍िक सूत्र के अनुसार, ब्रिज का पुराना केबल भारी दबाव के कारण टूटा।

अहमदाबाद के अटल ब्रिज के लिए अलर्ट जारी किया गया। यहां 1 घंटे में 3,000 लोग ही जा सकेंगे। इसे बनाने वाली कंपनी ने दावा किया है कि ब्रिज की क्षमता 12 हजार है।

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