Trending News

ट्रेन में नहीं मिल रहा खाना, नोडल अफसर ने मजदूर से कहा- ''तो कूद जाओ ट्रेन से...'', जानिए क्या है पूरा मामला

[Edited By: Admin]

Friday, 29th May , 2020 04:50 pm

रांची में संवेदनहीनता का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. सरकार और निजी प्रयास से लगातार दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर अपने राज्य वापस आ रहे हैं. झारखंड में अभी तक करीब तीन लाख प्रवासी मजदूर वापस आ चुके हैं. ट्रेन, बस, ट्रक, पैदल और न जाने किन-किन तरीकों से प्रवासी मजदूर वापस आ रहे हैं. इन हालात में एक वरिष्ठ नौकरशाह ने इतना असंवेदनशील रुख अपनाया कि जिससे पूरे अधिकारियों को शर्मिंदा होना पड़ रहा है.

झारखंड सरकार की तरफ से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए एक व्यवस्था बनाई गई है. इस व्यवस्था को हेड सीनियर आईएएस एपी सिंह कर रहे हैं. सरकार की तरफ से प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए उन्हें झारखंड का नोडल अधिकारी बनाया गया है. वे सीधे चीफ सेक्रेट्री को रिपोर्ट करते हैं.

प्रवासी मजदूरों के बीच लगभग हर नोडल अधिकारी का नंबर रहता है. मुसीबत पड़ने पर वे सीधे अधिकारियों या मीडिया वालों से बात करते हैं. लेकिन एक प्रवासी मजदूर की बेबसी पर एपी सिंह ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे पूरी ब्यूरोक्रेसी सकते में है.

परेशान हाल एक मजदूर ने एपी सिंह को फोन किया. उन्हें अपनी परेशानी बतानी चाही. तो आईएएस अफसर ने क्या कहा आईए जानते हैं -

प्रवासी मजदूरः हैलो सर, हेलो…हेलो….
एपी सिंह : हेलो…

प्रवासी मजदूरः हेलो सर नमस्कार...
एपी सिंह : नमस्कार

प्रवासी मजदूरः ये फोन एपी सिंह सर के पास लगा है.
एपी सिंह: कौन आप बोल रहे हैं.

प्रवासी मजदूरः हम लोग झारखंड के प्रवासी मजदूर बोल रहे हैं. स्पेशल ट्रेन से वापस आ रहे हैं सर… सुबह से खाना नहीं मिला है…भूख से परेशान हो गए हैं हम लोग.
एपी सिंह: अच्छा…खाना रेलवे को देना है…रेलवे देगा खाना.

प्रवासी मजदूरः कब देगा सर…सुबह में खाली एक पैकेट ब्रेड..एक केला और एक बोतल पानी दिया है…उसी में दिन भर काटना पड़ रहा है सर…कैसे क्या करें…
एपी सिंह: कूद जाइये वहां से…और क्या करिएगा…

प्रवासी मजदूरः कूद जाने से अच्छा रहेगा क्या…
एपी सिंह: रास्ते में जो देना है वो हमको नहीं रेलवे को देना है…

फिर फोन कट गया.....

24 घंटे में सबसे ज्यादा 7466 नए मामले, Covid-19 मरीजों की संख्या पहुंची 1,65,799

देश में कोरोना वायरस का संक्रमण काबू में आने का नाम नहीं ले रहा है. देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 1,65,799 हो गई है. 24 घंटे में कोरोना के सबसे ज्यादा 7466 नए मामले सामने आए हैं जबकि 175 लोगों की मौत हुई है. कोरोना से अभी तक 4706 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि 71 हजार 106 मरीज इस बीमारी को मात देने में सफल भी हुए हैं. देश में पिछले एक हफ्ते से प्रतिदिन कोरोना वायरस के छह हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. यह पहली बार है कि मामलों की संख्या 7 हजार के आंकड़ों को पार कर गई है. वहीं बात करें रिकवरी रेट की तो आपको बता दें कि यह 42.88 फीसदी पर पहुंच चुका है.


वहीं दूसरी गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन को लेकर बातचीत की है. बता दें कि 31 मई को लॉकडाउन-4 खत्म हो रहा है और इससे पहले ही गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से इसे लेकर राय ली. इस दौरान आगे की रणनीति को लेकर भी चर्चा हुई. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन सबसे पहले 25 मार्च को लगाया था और इसके बाद इसे तीन बार बढ़ाया जा चुका है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘गृह मंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से बातचीत की और लॉकडाउन को 31 मई के बाद बढ़ाए जाने पर उनके विचार जाने.'

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी के बीच देश में लॉकडाउन लागू करने के फैसले को सही बताया है. मंत्रालय ने कहा है कि लॉकडाउन से कई फायदे हुए हैं और उनमें से सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इसने कोविड-19 के प्रसार की गति को कम किया है. देश में कोविड-19 से निपटने के लिए 10341 क्वारेंटाइन सेंटर, 7195 कोविड देखभाल केन्द्र और 652830 बिस्तर उपलब्ध हैं. केन्द्र ने राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों और केन्द्रीय संस्थानों को 113.58 लाख एन95 मास्क और 89.84 लाख व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) उपलब्ध कराए हैं. देश की 435 सरकारी प्रयोगशालाओं और 189 निजी प्रयोगशालाओं के जरिए देश में जांच क्षमता को बढ़ाया गया है.

Latest News

World News