जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (JNU) दिल्ली में फीस बढ़ोतरी को लेकर जारी प्रदर्शन थमा नहीं है. सोमवार सड़कों पर JNU के छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान दिल्ली पुलिस के साथ छात्रों की झड़प हुई, कई छात्र घायल भी हुए. छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से मिल रहे आश्वासनों से संतुष्ट नहीं हैं इसी वजह से मंगलवार को भी विरोध जारी है.
मंगलवार को JNU छात्र संघ, JNU प्रशासन और हॉस्टल प्रेसिडेंट के लोग केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा बनाई गई तीन सदस्य कमेटी से एक बार फिर मुलाकात कर सकते हैं और अपनी मांग को रख सकते हैं.
छात्रों की मांग- JNU में हॉस्टल फीस में हुई बढ़ोतरी के कारण छात्र सड़कों पर उतरे और अपनी मांग को सरकार के सामने रखा. अभी भी छात्रों की मांग हैं जिसपर वह अड़े हुए हैं...
जेएनयू छात्रों के आंदोलन पर बोलीं स्वरा भास्कर
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों को फ्री लोडर्स बताए जाने पर स्वरा भास्कर ने कहा- ''ये बिल्कुल वाहियात और बेबुनियाद बहस है. PhD और M.phil करने वाले को फ्री लोडर कहना गलत बात है. हमें समझना चाहिए कि P.hd करने में समय लगता है. ऐसे माइंडसेट में दिक्कत है. जयशंकर सर और निर्मला जी ने जेएनयू से हायर स्टडी की है. मेरे ख्याल से वे नहीं मानेंगे कि वे फ्री लोडर्स हैं.'' मुझे नहीं लगता जेएनयू के प्रोफेसर को घेरना हिंसा है. जेएनयू के छात्र अपने प्रदर्शन के लिए हमेशा जिम्मेदार रहे हैं. मैं भी कई प्रदर्शन का हिस्सा रही हूं. बल्कि शांति से प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों पर दिल्ली पुलिस का लाठीचार्ज करना गलत था.
ज्वाइंट सेक्रेटरी ने कहा है कि एक कमेटी बनाएंगे और दो दिन बाद इसकी पहली बैठक होगी और फिर छात्रों की मांगों पर बहस होगी। छात्र जैसे आए थे, वैसे हीं चल दिए. रात नौ बजे का वक्त हो रहा था और इधर छात्र नेता बैठक कर रहे थे और उधर धरने पर बैठे छात्रों को खदेड़ा जा रहा था. जोर बाग के अलग-अलग हिस्सों में पांच किलोमीटर लंबा जाम लग चुका था.
आज एक बार फिर से जेएनयू के छात्र सड़क पर उतरेंगे और अब उन्हें किसी वादों पर ऐताबर नहीं. छात्रों का सीधा सा जवाब है, जब तक जेएनयू के हाकिम जागेंगे नहीं, तब तक वो सोएंगे नहीं. वहीं विश्वविद्यालय के छात्र अक्षत ने कहा, ‘‘समिति गठित करने के बारे में मंत्रालय ने छात्रसंघ को कोई सूचना नहीं दी.प्रशासनिक अधिकारी और समिति को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए निर्वाचित छात्रसंघ से बात करनी चाहिए.’’
वहीं, एक अन्य छात्रा प्रियंका ने कहा, ‘‘शुल्क वृद्धि को आंशिक तौर पर वापस लेकर हमें लॉलीपॉप थमाया जा रहा है. मैं अपने परिवार में पहली ऐसी लड़की हूं जो विश्वविद्यालय पहुंची हूं. मेरी तरह कई अन्य हैं। शिक्षा कुछ धनी लोगों का ही विशेषाअधिकार नहीं है.’’
नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक अन्य छात्र ने कहा, ‘‘हमने अपने कुलपति को लंबे समय से नहीं देखा है. यह समय है कि वह आएं और हमसे बात करें. शिक्षकों और अन्य माध्यम से हमसे अपील करने से अच्छा है कि उन्हें हमसे बात करनी चाहिए,’’ विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय परिसर की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है.