लखनऊ-यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। पंचायत चुनाव को लेकर आज वार्डों के आरक्षण की नई नीति जारी हो सकती है। शासन 19 जनवरी को वार्डों के आरक्षण की नई नीति जारी कर सकती है। जानकारी के मुताबिक, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिए चक्रानुक्रम आरक्षण लागू हो सकता है। बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के निर्वाचन क्षेत्रों में आरक्षण में बदलाव देखने को मिल सकता है।
बता दें कि 25 दिसंबर को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। इस बार प्रदेश में 57,207 ग्राम प्रधान चुने जाएंगे। इस बार आरक्षण के लिए हर ब्लॉक पर सभी वर्गों की आबादी को अंकित किया जाएगा। इसके बाद ग्राम पंचायतों की सूची तैयार की जा रही है। इसके तहत यह ध्यान रखा जाएगा कि 1995 में कौन सी ग्राम सभा किस वर्ग के लिए आरक्षित की गई थी। एससी और पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानों की आरक्षित वर्ग की संख्या उस ब्लॉक में अलग-अलग पंचायतों में उस वर्ग की आबादी के के अनुपात में गिरते हुए क्रम में आवंटित की जाएगी। नए फॉर्मूले के तहत बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के निर्वाचन क्षेत्रों में आरक्षण में भी चक्रानुक्रम की पॉलिसी अपनाई जा सकती है। सिर्फ शर्त यह होगी की 1995 से 2015 के बीच जो भी सीट एससी और ओबीसी के लिए आरक्षित थी, वह इस बार रिज़र्व नहीं की जाएगी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 58 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतें हैं। 826 ब्लॉक है और 75 जिला पंचायतें हैं। ये सभी चुनाव बैलेट पेपर से होंगे और इसमें पार्टी का सिंबल आउट नहीं किया जाएगा। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए खर्च की सीमा 4 लाख तय की गई है, और ग्राम प्रधानों के लिए खर्च की सीमा 75 हजार तय की गई है।