बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी दलितों और पिछड़ों में पैदा हुए महापुरुषों का तिरस्कार करती है और कहा कि इन समुदायों को अखिलेश यादव की पार्टी से कुछ भी उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कथित जातिवादी नफरत के कारण राज्य में कई संस्थानों और योजनाओं के नाम बदले गए।
लगातार ट्वीट करते हुए प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए, "सपा शुरू से ही दलितों व पिछड़ों में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों की तिरस्कारी रही है जिसका खास उदाहरण फैजाबाद जिले में से बनाया गया नया अम्बेडकर नगर जिला है। भदोही को नया जिला संत रविदास नगर बनाने का भी इन्होंने विरोध किया तथा इसका नाम तक भी सपा सरकार ने बदल दिया।"
1. सपा शुरू से ही दलितों व पिछड़ों में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों की तिरस्कारी रही है जिसका खास उदाहरण फैजाबाद जिले में से बनाया गया नया अम्बेडकर नगर जिला है। भदोही को नया जिला संत रविदास नगर बनाने का भी इन्होंने विरोध किया तथा इसका नाम तक भी सपा सरकार ने बदल दिया।
— Mayawati (@Mayawati) November 8, 2021
इसके बाद उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा, "इसी प्रकार यूपी के अनेकों संस्थानों व योजनाओं आदि के नाम जातिवादी द्वेष के कारण अधिकांशः बदल दिए गये, ऐसे में सपा द्वारा उनकी व उनके मानने वालों के प्रति आदर-सम्मान व सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है? चाहे अब यह पार्टी इनके वोट की खातिर कितनी भी नाटकबाजी क्यों ना कर ले?"
2. इसी प्रकार यूपी के अनेकों संस्थानों व योजनाओं आदि के नाम जातिवादी द्वेष के कारण अधिकांशः बदल दिए गये, ऐसे में सपा द्वारा उनकी व उनके मानने वालों के प्रति आदर-सम्मान व सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है? चाहे अब यह पार्टी इनके वोट की खातिर कितनी भी नाटकबाजी क्यों ना कर ले?
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