राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को महिला सुरक्षा को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पॉक्सो एक्ट में सजायाफ्ता को माफी नहीं मिलनी चाहिए. ऐसे मामलों में दया याचिका का प्रावधान खत्म हो.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का यह बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि जब राष्ट्रपति कोविंद ने दया याचिका को लेकर यह बात कही, उसी वक्त गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास निर्भया रेप केस के एक दोषी की दया याचिका की फाइल भेजी है. साथ ही केंद्र ने राष्ट्रपति से दया याचिका को खारिज करने की भी मांग की है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रामनाथ कोविंद ने कहा कि महिला सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है. पॉक्सो एक्ट के अंदर रेप के दोषियों को दया याचिका की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए. संसद को दया याचिका पर पुनिर्विचार करना चाहिए.
राजस्थान के माउंट आबु में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. महिलाओं पर राक्षसी हमलों की घटनाओं ने देश के रूह को हिला दिया है.
गौरतलब है कि पॉक्सो के अंतर्गत बच्चों के यौन उत्पीड़न, यौन शोषण व पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों को रोकने के लिए महिला व बाल विकास मंत्रालय ने पॉक्सो एक्ट 2012 बनाया था.
गृह मंत्रालय ने 2012 के सामूहिक दुष्कर्म के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका की फाइल राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को भेजी है. इसमें दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की गई है.