रामानंद सागर के सीरियल ''कृष्णा'' के भगवान श्रीकृष्ण का रोल निभाने वाले एक्टर सर्वदमन डी. बनर्जी का जन्म एक बंगाली हिन्दू ब्राह्मण परिवार में 14 मार्च 1965 को यूपी के उन्नाव जिले में हुआ था। उनकी पढाई सेंट अलॉयसियस स्कूल कानपूर से हुयी उसके बाद उन्होंने ‘पुणे फिल्म इंस्टिट्यूट’ से उन्होंने ग्रेजुएशन की पढाई पूरी की और फिल्मों में चले आये। टीवी पर उनके कुछ खास सीरियल इस प्रकार से हैं श्री कृष्णा, अर्जुन, जय गंगा मैया और ॐ नमः शिवाय जिनमें उन्होंने भगवान के किरदार निभाए और भलीभाँती अपनी किरदारों को साथ इन्साफ किया और वही किरदार आज उनकी ज़िन्दगी में भी दिखाई पड़ते हैं।
फिल्मों की शुरुआत उन्होंने १९८३ की आदि शंकराचार्य से की थीं उसके बाद वल्लभाचार्य गुरु, श्री दत्ता दर्शनम, सिरिवेनेला, स्वयम कृषि, माधावत्याना, स्वामी विवेकानंद, और पैरो में भगवान। महेंद्र सिंह धोनी के ज़िन्दगी पर आधारित फिल्म ‘एम॰ एस॰ धोनी: द अनटॉल्ड स्टोरी’ में धोनी के कोच के रूप में दिखे थे।
उनकी टीवी और फिल्मों की ज़िन्दगी की तरह उनकी निजी ज़िन्दगी भी काफी साफ़ सुथरी हैं लेकिन एक्टिंग को उन्होंने बहुत पहले ही छोड़ दिया था। उसके बाद वो शान्ति के लिए जीना शुरू कर चुके थे और ऋषिकेश की सुन्दर और हरी भरी वादियों में रहने लगे। 1993 में आदिशंकराचार्य में काम किया था।
उन्होंने कृष्णा सीरियल में अपनी भूमिका इतने बेहतरीन तरीके से निभाई कि लोग उन्हें असल जिंदगी में भगवान श्रीकृष्ण मानने लगे थे और जहां भी जाते लोग उनके पैर छूने लगते थे। अपने इस किरदार से सर्वदमन बनर्जी को काफी लोकप्रियता मिली।
रामायण की तरह ही रविवार की सुबह होते ही लोग नहा धोकर टीवी के सामने बैठ जाते थे। और रामानंद सागर का धार्मिक सीरियल श्री कृष्णा शुरू हो जाता था। सर्वदमन डी बनर्जी ने कृष्ण के किरदार को इस कदर अपने में बसा लिया था मानो कलयुग में भगवान ने अवतार लिया हो। इसके बाद उन्हें इसी तरह के कई शोज ऑफर हुए जिनमें वो नजर आए, जैसे कि 'अर्जुन', 'जय गंगा मैया' और 'ओम नम: शिवाय'। इन सभी शोज में सर्वदमन डी बनर्जी ने भगवान कृष्ण का ही रोल निभाया।
टीवी शोज के अलावा सर्वदमन डी बनर्जी ने फिल्मों में भी काम किया।
वह आखिरी बार सुशांत सिंह राजपूत स्टारर एमएस धोनी में नजर आए थे। इस फिल्म में उन्होंने धोनी के कोच चंचल भट्टाचार्य का किरदार निभाया था। सर्वदमन डी बनर्जी इन दिनों ऋषिकेष में रहते हैं।
बात करें उनके काम काज की तो वह ऋषिकेष में ही अपना मेडीटेशन सेंटर चलाते हैं। इसके अलावा वह एक NGO भी संभालते हैं। जहां वह तकरीबन 200 बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देते हैं। सर्वदमन डी बनर्जी अब पूरी तरह बदल चुके हैं और ग्लैमर वाली दुनिया से दूर ही रहते हैं।
फेसबुक पर वह अपने कामों के बारे में बताते रहते हैं। कुछ साल पहले दिए इंटरव्यू में सर्वदमन ने इसका जिक्र किया था कि उन्होंने फिल्में और टीवी की दुनिया क्यों छोड़ी? सर्वदमन ने कहा था, 'मैंने 'कृष्णा' करते वक्त ही फैसला कर लिया था कि मैं 45-47 साल की उम्र तक ही काम करूंगा और उसके बाद जीवन से कनेक्ट होने के लिए कुछ करूंगा। बस फिर मुझे मेडिटेशन मिल गया और अब मैं सालों से वही कर रहा हूं।
रामानंद सागर ने खुद सर्वदमन बनर्जी को श्रीृकृष्णा का रोल करने के लिए बुलाया था। सर्वदमन रामानंद सागर द्वारा दी गई स्क्रिप्ट को अपने घर ले आये थे। और इस सीरियल में रोल करने का निर्णय इसपर निर्भर कर दिया था कि अगर उन्हें भगवान श्रीकृष्ण दर्शन देंगे तभी वो इस सीरियल में काम करेंगे। एक दिन वह बारिश में घर से बाहर निकले तो वर्षा की बूंद में उन्हें भगवान श्रीकृष्ण के बालरूप के दर्शन हुए। 1998 में उन्होंने स्वामी विवेकानंद की बायोपिक स्वामी विवेकानंद में काम किया। फिर इनका मन ग्लैमर की दुनिया से उचटता गया। उन्होंने एक्टिंग छोड़कर आध्यात्मिक जीवन जीने पर अपना पूरा जीवन लगा दिया। एक्टिंग छोड़ने के बाद ही वह ऋषिकेश चले गये। अब वहां सर्वदमन अपना मेडिटेशन सेंटर भी चलाते हैं।
प्रस्तुति- गौरव शुक्ला Gaurav Shukla