गांधी जयंती के मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया है. सरकार ने मैग्नेशियम, कार्बोनेट, निकोटीन, तंबाकू और मिनरल ऑयल से बने पान मसाले और फलेवर्ड सुपारी पर बैन लगा दिया है. महाराष्ट्र और बिहार के बाद यह प्रतिबंध लगाने वाला राजस्थान तीसरा राज्य है. राजस्थान का चिकित्सा विभाग गुरुवार से इन उत्पादों के सैंपल लेना शुरू करेगा, और जांच के बाद जिन उत्पादों में यह पदार्थ पाए जाएंगे उन पर रोक लगा दी जाएगी.
राजस्थान में तंबाकू से बने गुटखे पर पहले ही रोक है.कोर्ट के आदेश से लगी इस रोक के बाद पान मसाला कंपनियों ने तंबाकू और पान मसाला अलग-अलग बेचना शुरू कर दिया था। ऐसे में इस रोक का असर ज्यादा नजर नहीं आ रहा था. कांग्रेस के घोषणा पत्र और इस बार के मुयमंत्री अशोक गहलोत के बजट भाषण में युवाओं में नशे की लत को रोकने के लिए घटिया सामग्री को नियत्रित कर पूरी तरह रोक लगाने की कार्ययोजना बनाने की घोषणा की गई थी.
इसी के तहत राजस्थान के चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में मैग्निशियम कार्बोनेट, निकोटिन, तंबाकू और मिनरल ऑयल से बने पान मसाले और फलेवर्ड सुपारी के राज्य में उत्पादन, भंडारण, वितरण, परिवहन, प्रदर्शन और बिक्री पर खादय सुरक्षा अधिनियम के अधीन प्रतिबंध लगाया है.
राजस्थान के जनस्वास्थ्य निदेशक और खादय सुरक्षा आयुक्त डाॅ केके शर्मा ने बताया कि हमारी टीमों ने पिछले दिनों पान मसाले और सुपारी के 310 सैंपल लिए थे. इनमे से 119 स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित पाए गए थे. इसके बाद हमने सरकार को प्रतिबंध का प्रस्ताव बना कर भेजा था. जिसे सरकार ने अपनी बजट घोषणा को देखते हुए मंजूर कर लिया. उन्होंने बताया कि अब विभाग की ओर से गुरूवार से इन उत्पादों के सैंपल लिए जाएंगे और प्रयोगशाला में जांच के बाद जिन उत्पादों में उपरोक्त हानिकारक पदार्थ मिलेंगे, उन पर रोक लगा दी जाएगी.