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हिंसा पर सियासत जारी

[Edited By: Shashank]

Thursday, 7th October , 2021 01:33 pm

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा पर सियासत जारी है, विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसी कड़ी में प्रियंका गांधी ने लखीमपुर खीरी में किसानो के परिवार से मिलने के बाद कहा, " पीड़ित परिवार को अभी तक न्याय नहीं मिला। न्याय कैसे मिलेगा अगर अजय मिश्र गृह राज्य मंत्री रहेंगे और ये सब गृह राज्य मंत्री के अंडर में आता है। जब तक वे बर्खास्त नहीं होंगे तब तक निष्पक्ष जांच कौन करेगा? तीनों पीड़ित परिवारों ने एक ही बात कही कि मुआवजे से मतलब नहीं है, हमें न्याय चाहिए। " 

 

राहुल और प्रियंका देर रात लखीमपुर में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करके 3 बजे लखनऊ आ गए। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अगुवाई में तीन जजों की बेंच लखीमपुर हिंसा के मामले पर सुनवाई कर रही है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने के लिए लखीमपुर के लिए रवाना हुए। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा, 'जिन्होंने ऐसी घटना की है, जो नामजद हैं वो जेल जाएं। इस बार से पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने 4 अक्टूबर को जाने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें लखनऊ में हिरासत में ले लिया गया था। बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश मिश्र भी लखीमपुर रवाना हो गए इनको भी चार अक्टूबर को ही जाने वाले थे, लेकिन उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया था। इसके अलावा पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू भी लखीमपुर आ रहे हैं। वे गाड़ियों के काफिले के साथ रवाना हुए।
उत्तर प्रदेश सरकार ने भारी दबाव के बाद बुधवार को सभी दलों के 5-5 लोगों को पीड़ित परिवारों से मिलने की अनुमति दी है। साथ ही, प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी मामले में न्यायिक आयोग गठित कर दिया है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव मामले की जांच करेंगे। शासन ने दो महीने में रिपोर्ट मांगी है। आयोग का मुख्यालय लखीमपुर खीरी में होगा। अजय मिश्र केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष समेत 15 के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

 

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