19 महीने तक लगातार चले काम के बाद इंडिया गेट के सामने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू बनकर तैयार है। इसे कर्तव्य पथ कहा जाएगा। गुरुवार यानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नए डेवलप इलाके का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम शाम 7 बजे शुरू होगा और 90 मिनट तक चलेगा। इसके लिए 6 बजे से 9 बजे तक आसपास के रास्ते बंद रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फुट ऊंची प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। ग्रेनाइट पत्थर पर उकेरी गई इस प्रतिमा का वजन 65 मीट्रिक टन है। बुधवार इसे उसी स्थान पर स्थापित की जा रही है, जहां बीते 23 जनवरी पराक्रम दिवस पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था।
राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक इंडिया गेट पर 8 सितंबर 2022 गुरुवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा अनावरण किए जाने पर उनकी बेटी अनीता बोस फाफ ने एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि नेताजी की प्रतिमा का अनावरण पीएम मोदी 8 सितंबर को ही क्यों कर रहे है। इसका अनावरण राष्ट्रीय पर्व या नेताजी के किसी महत्वपूर्ण दिन को किया जाना चाहिए था। उन्होंने बताया कि प्रतिमा के अनावरण के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया है। हालांकि वह पीएम मोदी से मिलना चाहती थीं, लेकिन उन्हें पीएमओ से मिलने का समय नहीं मिल सका है। उन्होंने बताया कि नेताजी की अस्थियों को जापान से भारत लाने के लिए पीएमओ को चिट्ठी लिखी थी, लेकिन इसका भी कोई जवाब नहीं मिला है। हालांकि प्रधानमंत्री काफी व्यस्त रहते हैं, इसलिए जवाब नहीं मिल सका है।
आजादी से पहले राजपथ को किंग्स वे और जनपथ को क्वींस वे के नाम से जाना जाता था। स्वतंत्रता मिलने के बाद क्वींस वे का नाम बदलकर जनपथ कर दिया गया था। जबकि किंग्स वे राजपथ के नाम से जाना जाने लगा। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के बाद अब इसका नाम कर्तव्य पथ कर दिया गया है। केंद्र सरकार का मानना है कि राजपथ से राजा के विचार की झलक मिलती है, जो शासितों पर शासन करता है। जबकि लोकतांत्रिक भारत में जनता सर्वोच्च। नाम में बदलाव जन प्रभुत्व और उसके सशक्तिकरण का एक उदाहरण है।
उद्घाटन से एक दिन पहले तक सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में काम चलता रहा। एक सुपरवाइजर ने बताया कि बुधवार रात तक काम पूरा करना है, इसलिए 24 घंटे मजदूर लगे हुए हैं। 9 सितंबर से लोग यहां घूम सकेंगे। प्रधानमंत्री का कार्यक्रम होने की वजह से सुरक्षा की कमान स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी SPG ने अपने हाथ में ले ली थी। उद्घाटन से पहले किसी बाहरी व्यक्ति को इलाके में जाने की अनुमति नहीं थी। सेंट्रल फोर्स के अलावा प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड भी निगरानी कर रहे हैं। यहां की फोटो लेने पर भी मनाही है। टाइट सिक्योरिटी की वजह से टूरिस्ट बैरिकेड्स के पास खड़े होकर इंडिया गेट देखने की कोशिश करते रहे।
खाने-पीने का सामान बेच रहे एक वेंडर ने कहा कि तीन साल बहुत मुश्किल में निकले हैं। पूरे इलाके में काम चल रहा था। अब ये बहुत खूबसूरत बनकर तैयार हुआ है। उम्मीद है कि और ज्यादा लोग यहां आया करेंगे और हमारा काम अच्छा चलेगा। इंडिया गेट के दोनों तरफ नई शॉप बनी हैं, जिनमें अलग-अलग राज्यों के फूड स्टॉल होंगे। टूरिस्ट पहले की तरह अब लॉन में बैठकर घर से लाया खाना नहीं खा सकेंगे। इसके अलावा वेंडर भी खास जोन में ही स्टॉल लगा सकेंगे। दो नई पार्किंग में 1100 से ज्यादा गाड़ियां पार्क की जा सकेंगीं। निगरानी के लिए 300 से ज्यादा CCTV कैमरे लगाए गए हैं।
राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक राजपथ के इर्द-गिर्द का इलाका हरे-भरे पेड़ों, नहरों और पार्कों से घिरा है। ये पहले से खूबसूरत था, अब और भी दिलकश हो गया है।
सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) ने सेंट्रल एवेन्यू रि-डेवलपमेंट के लिए जनवरी 2021 में 502 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला था। यह काम 487.08 करोड़ रुपए की बिड पर शापूरजी पालोनजी कंपनी को मिला। कंपनी ने 4 फरवरी 2021 से यहां काम शुरू किया था। शर्तों के मुताबिक काम 300 दिनों के अंदर यानी नवंबर तक किया जाना था, लेकिन इसमें 10 महीने की देरी हो गई। कोरोना के दौरान लगे लॉकडाउन में सभी कंस्ट्रक्शन वर्क रुक गए थे, तब भी सेंट्रल विस्टा का काम चलता रहा। मामला कोर्ट में गया तो CPWD ने तर्क दिया था कि प्रोजेक्ट का काम नवंबर 2021 तक पूरा किया जाना है, इसलिए इसे रोका नहीं जा सकता। यहां गणतंत्र दिवस की परेड भी होनी है। उसमें भी देरी नहीं की जा सकती।
सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत तिकोने आकार का नया संसद भवन तैयार है। इसकी फिनिशिंग का काम चल रहा है। राजपथ से सटे शास्त्री भवन, उद्योग भवन, रेल भवन, विज्ञान भवन और इंदिरा गांधी नेशनल म्यूजियम अब यादों का हिस्सा हो जाएंगे। इनकी जगह नई इमारतें लेंगी। प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक कई इमारतों का रि-डेवलपमेंट और कंस्ट्रक्शन हो रहा है। इसमें नया संसद भवन, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक बिल्डिंग होगी, मंत्रालय के ऑफिसों के लिए केंद्रीय सचिवालय, प्रधानमंत्री आवास, उप राष्ट्रपति आवास शामिल हैं। अभी जो संसद भवन है, उसके सामने संसद की नई बिल्डिंग बनी है। चार मंजिला ये इमारत 13 एकड़ में है। प्रधानमंत्री आवास करीब 15 एकड़ में होगा। सितंबर 2019 में इस प्रोजेक्ट की घोषणा की गई। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी। पूरे प्रोजेक्ट की लागत 20 हजार करोड़ रुपए है। सेंट्रल विस्टा राजपथ के दोनों तरफ का इलाका है। इसके तहत राष्ट्रपति भवन, संसद, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, उप राष्ट्रपति आवास आता है। नेशनल म्यूजियम, नेशनल आर्काइव्ज, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स, उद्योग भवन, बीकानेर हाउस, हैदराबाद हाउस, निर्माण भवन और जवाहर भवन भी सेंट्रल विस्टा का ही हिस्सा हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 जुलाई को नए संसद भवन की छत पर अशोक स्तंभ की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया था। यह प्रतिमा 6.5 मीटर ऊंची और 9500 किलो वजन की है। इसे सपोर्ट करने के लिए स्टील का लगभग 6500 किलोग्राम वजनी सिस्टम भी बना है।
सेंट्रल विस्टा यानी राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैला 3.2 किलोमीटर का एरिया। इसकी कहानी 111 साल पुरानी है। तब बंगाल में विरोध बढ़ने पर किंग जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली शिफ्ट की थी। दिल्ली में सेंट्रल विस्टा बनाने का जिम्मा मशहूर आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को मिला। 1931 में इसका उद्घाटन किया गया। आजादी के बाद इस पर दोबारा काम शुरू हुआ। इसके बाद 2020 में री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की डिजाइन तैयार की गई। ये डिजाइन डॉ. बिमल पटेल ने एक सेमिनार में शेयर की थी।