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पीएम मोदी ने किसानों से की आंदोलन खत्म करने की अपील, कहा-MSP था, MSP है और MSP रहेगा…

[Edited By: Punit tiwari]

Monday, 8th February , 2021 12:39 pm

नई दिल्ली- किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में जवाब दिया। किसानों पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कृषि कानून जरूरी कानून हैं और इन्हें लागू करने का यह सही समय है। उन्होंने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की और कहा कि 'आंदोलनकारियों को समझाते हुए देश को आगे ले जाना होगा। आओ मिलकर चलें, अच्छा कदम है, किसी न किसी को करना था। मैंने किया है, गालियां मेरे हिस्से में जा रही हैं, जाने दो। कृषि मंत्री लगातार काम कर रहे हैं। एक-दूसरे को समझने-समझाने की जरूरत है।'

MSP है, था और रहेगा...

पीएम मोदी ने कहा कि हमें एक बार देखना चाहिए कि कृषि परिवर्तन से बदलाव होता है कि नहीं। कोई कमी हो तो उसे ठीक करेंगे, कोई ढिलाई हो तो उसे कसेंगे। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मंडियां और अधिक आधुनिक बनेंगी। एमएसपी है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि, मैं आप सभी को निमंत्रण देता हूं कि हम देश को आगे बढ़ाने के लिए, कृषि क्षेत्र के विकास के लिए, आंदोलनकारियों को समझाते हुए, हमें देश को आगे ले जाना होगा। आइए मिलकर चलें। उन्होंने कहा कि हर कानून में अच्छे सुझावों के बाद कुछ समय के बाद बदलाव होते हैं। इसलिए अच्छा करने के लिए अच्छे सुझावों के साथ, अच्छे सुधारों की तैयारी के साथ हमें आगे बढ़ना होगा।

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जिक्र

पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि 'चौधरी चरण सिंह हमेशा किसानों का सेंसस का जिक्र करते थे जिसमें यह बात सामने आई थी कि देश में 33 फ़ीसदी किसानों के पास 2 बीघा से कम जमीन है और 18 फ़ीसदी के पास 2 से 4 बीघे की जमीन है चौधरी चरण सिंह मानते थे कि छोटे किसानों के लिए हालात मुश्किल हैं।' पीएम ने आगे कहा, '1971 में 1 हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों की संख्या 51 फीसदी थी जो आज बढ़कर 68% हो गई है। यानी उन किसानों की संख्या बढ़ रही है जिनके पास बहुत कम जमीन है। आज देश में 86 फ़ीसदी ऐसे किसान हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। ऐसे 12 करोड़ किसान हैं। क्या इनके प्रति हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है? हमें चौधरी चरण सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए इस दिशा में कुछ करना होगा।'

विपक्षियों पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि मेहरबानी कर देश में भ्रम न फैलाएं। हमें तय करना होगा कि हम समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं कि समाधान का हिस्सा बनने चाहते हैं। समस्या का हिस्सा बनने पर राजनीति तो चल जाएगी, लेकिन समाधान का माध्यम बनते हैं तो राष्ट्रनीति को चार चांद लग जाता है। हम नीतियों को भी बदलेंगे और परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि पहली बार हमने किसान रेल की कल्पना की। छोटा किसान जिसका सामान बिकता नहीं था, आज गांव का छोटा किसान किसान रेल के माध्यम से मुंबई के बाजार में अपना सामान बेचने लगा, इससे छोटे किसान को फायदा हो रहा है। उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि योजना से सीधे किसान के खाते में मदद पहुंच रही है। 10 करोड़ ऐसे किसान परिवार हैं जिनको इसका लाभ मिल गया। अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये उनके खाते में भेजे गये हैं। इसमें अधिकतर छोटे किसान हैं।

हमें आंदोलनजीवी लोगों को पहचानना होगा

प्रधानमंत्री ने कहा, "हम लोग कुछ शब्‍दों से बड़े परिचित हैं। श्रमजीवी... बुद्धिजीवी... ये सारे शब्‍दों से परिचित हैं। लेकिन मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है और वो है आंदोलनजीवी। ये जमात आप देखोगे वकीलों का आंदोलन है, वहां नजर आएंगे... स्‍टूडेंट का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे... मजदूरों का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे... कभी पर्दे के पीछे कभी पर्दे के आगे। ये पूरी टोली है जो आंदोलनजीवी है। वो आंदोलन के बिना जी नहीं सकते हैं। हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा।"


राष्ट्रपति का अभिभाषण ना पर पीएम मोदी ने लगाई क्लास

एक तरफ जहां पीएम मोदी ने राष्ट्रपति का अभिभाषण नहीं सुनने पर विपक्ष की जमकर क्लास लगाई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अच्छा होता कि राष्ट्रपति जी का भाषण सुनने के लिए सब होते तो लोकतंत्र की गरिमा और बढ़ जाती। लेकिन राष्ट्रपति जी के भाषण की ताकत इतनी थी कि न सुनने के बाद भी बात पहुंच गई। वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी ने किसान आंदोलन पर सियासत करने वाले विपक्षी दलों को जमकर खरी खोटी सुनाई। पीएम मोदी ने कहा कि सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है। ज्यादा से ज्यादा समय जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई। किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे। जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती। साथ ही उन्होंने किसानों से आंदोलन खत्म करने की भी अपील की।

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