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पराक्रम दिवस:पीएम मोदी बोले- नेताजी के सशक्त भारत का सपना आज पूरा हो रहा, उन्हें गर्व होता

[Edited By: Punit tiwari]

Saturday, 23rd January , 2021 06:07 pm

कोलकाता-नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता पहुंच गये हैं। रेस कोर्स मैदान में उनका हेलीकॉप्टर उतरा। जहां राज्यपाल जगदीप धनखड़ व राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। प्रधानमंत्री यहां से सबसे पहले एल्गिन रोड स्थित नेताजी के आवास पहुंचे। 

पीएम मोदी ने कोलकाता दौरे की शुरुआत नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पैतृक आवास से की। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के निर्धारित कार्यक्रम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का पैतृक आवास नेताजी भवन शामिल नहीं था, लेकिन अंतिम समय में इसमें परिवर्तन किया गया था। इस अवसर पर नेताजी से संबधित संग्रहालय का परिदर्शन किया। उनके साथ कैलाश विजयवर्गीय सहित अन्य नेता उपस्थित थे।

नेताजी के पैतृक आवास के बाद पीएम मोदी कोलकाता स्थित राष्ट्रीय पुस्तकालय पहुंचे। यहां पर पीएम मोदी ने चित्रकारों के साथ समय बिताया। बता दें कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की125वीं जंयती पर केंद्र सरकार हर साल उनकी जयंती 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। उसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी शाम को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में पराक्रम दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे है। जहां वे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।

पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

पीएम मोदी विक्टोरिया मेमोरियल में लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कोलकाता आकर भावुक महसूस कर रहा हूं। नेताजी को नमन। बचपन से जब भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का नाम सुना, मैं किसी भी स्थिति-परिस्थिति में रहा, इस नाम से एक नई ऊर्जा से भर गया। पीएम ने कहा कि आज के ही दिन मां भारती की गोद में उस वीर सपूत ने जन्म लिया था, जिसने आजाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी। आज के ही दिन ग़ुलामी के अंधेरे में वो चेतना फूटी थी, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता के सामने खड़े होकर कहा था, मैं तुमसे आजादी मांगूंगा नहीं, छीन लूंगा।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं नेता जी की 125वीं जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन्हें नमन करता हूं। मैं आज बालक सुभाष को नेताजी बनाने वाली, उनके जीवन को तप, त्याग और तितिक्षा से गढ़ने वाली बंगाल की इस पुण्यभूमि को भी नमन करता हूं। मैंने अनुभव किया है कि नेताजी का नाम सुनते ही हर कोई कितनी ऊर्जा से भर जाता है। नेताजी के जीवन की ऊर्जा जैसे उनके अंतर्मन से जुड़ गई है। उनकी ऊर्जा, आदर्श, तपस्या, त्याग देश के हर युवा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब भारत नेताजी की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है तो हम सभी का कर्तव्य है कि उनके योगदान को पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाए। इसलिए देश ने ये तय किया है कि अब हर वर्ष हम नेताजी की जयंती, यानी 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया करेंगे। पीएम ने कहा कि आज जब इस वर्ष देश अपनी आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश करने वाला है, जब देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तब नेताजी का जीवन, उनका हर कार्य, उनका हर फैसला, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।

पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी जैसे फौलादी इरादों वाले व्यक्तित्व के लिए असंभव कुछ नहीं था। उन्होंने विदेश में जाकर देश से बाहर रहने वाले भारतीयों की चेतना को झकझोरा। उन्होंने पूरे देश से हर जाति, पंथ, हर क्षेत्र के लोगों को देश का सैनिक बनाया। नेताजी ने संकल्प था भारत की जमीन पर आजाद भारत की आजाद सरकार की नींव रखेंगे। नेताजी ने अपना ये वादा भी पूरा करके दिखाया। उन्होंने अंडमान में अपने सैनिकों के साथ आकर तिरंगा फहराया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2018 में ही देश ने आज़ाद हिन्द सरकार के 75 साल को भी उतने ही धूमधाम से मनाया था। नेताजी ने "दिल्ली दूर नहीं" का नारा देकर लाल किले पर झंडा फैहराने का सपना देखा था, देश ने वो सपना पूरा किया। जब आजाद हिंद फौज की कैप में मैंने लाल किले पर झंडा फहराया था, उस वक्त मेरे मन मस्तिष्क में बहुत कुछ चल रहा था। पीएम मोदी ने कहा कि बहुत से सवाल थे, बहुत सी बातें थीं, एक अलग अनुभूति थी। मैं नेताजी के बारे में सोच रहा था, देशवासियों के बारे में सोच रहा था। नेताजी किसके लिए जीवन भर इतना रिस्क उठाते रहे- हमारे और आपके लिए। वो कई-कई दिनों तक आमरण अनशन किसके लिए करते रहे- आपके और हमारे लिए। वो महीनों तक किसके लिए जेल की कोठरी में सजा भुगतते रहे- आपके और हमारे लिए। 

पीएम मोदी ने कहा कि विश्व युद्ध के माहौल में देशों के बीच पल-पल बदलते रिश्तों के बीच क्यों वो हर देश में जाकर भारत के लिए समर्थन मांग रहे थे? ताकि भारत आजाद हो सके, हम और आप आजाद भारत में सांस ले सकें। हिंदुस्तान का एक-एक व्यक्ति नेताजी का ऋणी है। 130 करोड़ से ज्यादा भारतीयों के शरीर में बहती रक्त की एक-एक बूंद नेताजी सुभाष की ऋणी है। पीएम मोदी ने कहा कि आज हर भारतीय अपने दिल पर हाथ रखे, नेताजी सुभाष को महसूस करे, तो उसे फिर ये सवाल सुनाई देगा। क्या मेरा एक काम कर सकते हो? ये काम, ये काज, ये लक्ष्य आज भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। देश का जन-जन, देश का हर क्षेत्र, देश का हर व्यक्ति इससे जुड़ा।

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