Trending News

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गोरेगांव की आरे कॉलोनी को जंगल मानने से किया इनकार, कटेंगे 2700 से ज्यादा पेड़

[Edited By: Admin]

Friday, 4th October , 2019 04:17 pm

मुंबई में आरे के जंगलों को कटने से बचाने वालों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं को बड़ा झटका लगा है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने की सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. आरे (Aarey Forest) मुंबई का आखिरी बचा हुआ हरित क्षेत्र है. यह गोरेगांव में स्थित है और शहर का ग्रीन लंग कहलाता है. आरे जंगल संजय गांधी नैशनल पार्क का हिस्सा है और समृद्ध जैव विविधता के जरिए मुंबई के पूरे इकोसिस्टम को सपॉर्ट करते हैं. एक इकोसिस्टम को तैयार होने में लगभग हजार साल का वक्त लगता है.

उत्तर मुंबई का यह क्षेत्र कभी 3 हजार एकड़ जमीन तक फैला हुआ था लेकिन अब यह सिमटकर केवल 1300 एकड़ तक ही सीमित रह गया है. इसकी बाकी जमीन डेयरी डिवलेपमेंट प्रॉजेक्ट के लिए आरे मिल्क कॉलोनी को दे दी गई थी. खेती की जमीन में बदलने के बाद आरे जंगल कई टुकड़ों में बंट गया है.

Image result for bombay high court

आरे के निवासी जिसमें अधिकतर वर्ली जनजाति के लोग शामिल हैं, मुंबई के सबसे पुराने निवासी माने जाते हैं. इस जंगल में अलग-अलग प्रकार के जीव-जंतु, पक्षी और तेंदुए भी रहते हैं. इस जंगल में 1027 लोग रहते हैं जिनमें से अधिकतर जनजाति हैं. मेट्रो कारशेड के निर्माण को लेकर बीएमसी के फैसले से इन जनजातियों पर भी असर पड़ना लाजिमी है. इसी के विरोध में सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं. यहाँ तक कि स्कूली बच्चे भी इस आंदोलन में शामिल होकर पेड़ों को बचाने को लेकर आवाज उठा रहे हैं. वहीं कई फिल्मी हस्तियां और राजनीति से जुड़े लोग भी सेव आरे आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं.

2700 से ज्यादा पेड़ों की कटाई की अनुमति

हाईकोर्ट ने एनजीओ वनाशक्ति के जरिए आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया. पेड़ों को काटने के खिलाफ दूसरी याचिका को भी बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी के फैसले के खिलाफ सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. बीएमसी ने मुंबई के आरे जंगल में मेट्रो कार शेड के लिए 2700 से ज्यादा पेड़ों की कटाई की अनुमति दी गई थी.

चीफ जस्टिस प्रदीप नंदराजोग और जस्टिस भारती डांगरे की पीठ ने गोरेगांव की आरे कॉलोनी से जुड़ी याचिकाओं को खारिज किया. गोरेगांव मुंबई का प्रमुख हरित क्षेत्र है.

वहीं कोर्ट ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में लंबित है. इसलिए याचिका को एक जैसा मामला होने के कारण खारिज कर रहे हैं. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इसे गुण-दोष के आधार पर खारिज नहीं किया जा रहा है.

Image result for आरे जंगल बॉम्बे हाई कोर्ट

बाॅलीवुड हस्तियों ने किया था मुहिम का समर्थन किया

अभिनेत्री श्रद्धा कपूर और जॉन अब्राहम सहित बॉलीवुड की कई हस्तियों ने आरे फॉरेस्ट सेव मुहिम का समर्थन किया था. वहीं गायिका लता मंगेशकर ने भी कहा था कि मेट्रो के लिए पेड़ों को काटना हत्या के समान है.

आंदोलनकारियों का आरोप - मेट्रो प्रोजेक्ट के कारण जंगल में प्रदूषण बढ़ेगा

पर्यावरण कार्यकर्ता निराली वैद्य ने आरे फॉरेस्ट को बचाने के लिए ऑनलाइन याचिका दायर की थी. इसका 3 लाख लोगों ने दस्तखत कर समर्थन किया. निराली, मुहिम से जुड़े स्टॉलिन दयानंद और यश मारवाह मानते हैं कि मेट्रो प्रोजेक्ट के कारण आरे फॉरेस्ट में प्रदूषण बढ़ेगा.

एमएमआरसी का दावा-मेट्रो के कारण मौजूदा प्रदूषण कम हो जाएगा

मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने कहा कि आरे फॉरेस्ट में मेट्रो के लिए 2700 पेड़ काटे जाएंगे. इतने पेड़ सालभर में 64 टन कार्बन डाईऑक्साइड का अवशोषण करते हैं. जबकि 4 दिन में मेट्रो-3 लगभग 194 ट्रिप करेगी. इससे इन दिनों में 64 टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन कम होगा. यानी मौजूदा प्रदूषण कम हो जाएगा.

Latest News

World News