हरिद्वार महाकुंभ 2021 का शुभारंभ मकर संक्रांति के साथ हो गया। इसी के साथ लोगों ने गंगा मां की धारा में पुण्य की डुबकी लगाई। कुंभ का स्वरूप इस बार बदला हुआ दिखेगा, जिसकी बानगी मकर संक्रांति के स्नान के साथ दिखाई दी। कोरोना काल के चलते लोगों की संख्या में कमी रही, लेकिन आगे आने वाले शाही स्नान के मौके पर भीड़ जुट सकती है।
ग्रहों की गति के कारण योग ऐसा बना है कि इस बार महाकुंभ 12 वें साल के बजाए 11वें साल में पड़ रहा है। यह 83 साल बाद पहली बार है कि 12 साल से कम समय में कुंभ का योग बना है। मकर संक्रांति के पावन मौके पर हरकी पैड़ी सहित हरिद्वार गंगा तीर के सभी स्नान घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त से स्नान का क्रम शुरू हो गया।
श्रद्धालु रात के अंधेरे में ही पहुंचने लगे थे। श्रद्धालुओं ने सुबह की पहली भोर के साथ हर हर गंगे जय मां गंगे के जय घोष के साथ मकर संक्रांति पर्व का पुण्य प्राप्त करने को गंगा में डुबकी लगाई। मकर राशि में सूर्य के प्रवेश के मौके पर तकरीबन लाखों की संख्या तक में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।