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अफसर-कर्मी आजीवन रखेंगे पुलिस की पिस्टल

[Edited By: Shashank]

Thursday, 24th March , 2022 04:36 pm

पुलिस विभाग में जवानों और अधिकारियों को ट्रेनिंग के बाद हथियार दिए जाते हैं, लेकिन ड्यूटी खत्म होने के बाद उन्हें वापस ले लिया जाता है. लेकिन, पहली बार यूपी के नौ अधिकारी व कर्मी पुलिस विभाग से प्राप्त पिस्टल को आजीवन अपने पास रख सकेंगे. जी हाँ, सरकार की ओर से उन्हें यह पिस्तौल इनाम के तौर पर दी जाएगी, जिसे देखने के बाद उनमें डकैतों को मारने की हिम्मत हमेशा बनी रहेगी.

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आतंक का पर्याय बने डकैत गौरी यादव उर्फ ​​उदयभान को मारने वाली स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम को तीन-तीन लाख रुपये इनाम के साथ पिस्टल मिलेगी. राज्य में ऐसा पहली बार होगा जब डकैतों या बदमाशों को मारने वाली किसी टीम को इनाम के तौर पर हथियार दिए जाएंगे. अपर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश ने पुलिस महानिदेशक द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है. अधिकारियों का मानना ​​है कि इससे टीम का मनोबल बढ़ेगा।

चित्रकूट के जंगली क्षेत्र के बहिलपुरवा थाना अंतर्गत बिलहरी माजरा दादरीमाफी निवासी डकैत गौरी यादव 20 साल से दहशत में है. दुर्दांत डी-13 गैंग का सरगना भी था। उस पर उत्तर प्रदेश में 31 और मध्य प्रदेश में 19 हत्याओं के अलावा पांच लाख रुपये और लूट, डकैती, अपहरण, रंगदारी आदि के 50 से अधिक मामलों का इनाम था. गौरी उत्तर प्रदेश में दर्ज 18 मामलों में वांछित थी। 29 अक्टूबर को एसटीएफ को बाहिलपुरवा के माडो बांध के पास दादरी जंगल में उसकी लोकेशन मिली।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसटीएफ अमिताभ यश के नेतृत्व में नौ सदस्यीय टीम ने दादरी के जंगल में तलाशी ली थी. गौरी को 30 अक्टूबर की रात मुठभेड़ में करीब 50 राउंड फायरिंग के बाद टीम ने मार गिराया था. उसके पास से एक एके-47, एक पुराना मॉडल कलाश्निकोव सेमी-ऑटोमैटिक राइफल, मैगजीन, एक 312 बोर की बंदूक और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए। टीम के लिए इनाम की घोषणा की गई। अब सभी नौ सदस्यों को तीन-तीन लाख रुपये नकद और एक-एक पिस्टल दी जाएगी। पुलिस महानिदेशक द्वारा 7 जनवरी 2022 को सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है। जिस पर स्वीकृति भी मिल गई है।

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