वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट को बनाने और बेचने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है. भारत कोई पहला ऐसा देश नहीं है जहां ई-सिगरेट को बैन किया जा रहा है. अमेरिकी शहर सैन फ्रांसिस्को ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने वाला अमेरिका का पहला शहर बना था.
ई-सिगरेट पर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है. इसका सेवन करने वाले जहां इसे सुरक्षित बताते हैं, तो वहीं डॉक्टरों का कहना है कि अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए व्यक्ति को इससे दूर रहना चाहिए. ई-सिगरेट के सेहत पर पड़ने वाले असर के चलते इसे कई देशों में पहले ही बैन किया जा चुका है.
लोगों के बीच ई-सिगरेट पीने का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है. लोगों में ऐसी धारणा है कि ई-सिगरेट पीने से सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है. इसी वजह से इसका सेवन करने वाले लोगों में बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन हाल ही में हुई एक नई स्टडी के बाद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. शोध के अनुसार ई-सिगरेट का सेवन करने से हार्ट अटैक का खतरा 56 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.
लंबे समय तक ई सिगरेट का सेवन करना बहुत ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. ई-सिगरेट से ब्लड क्लॉट की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है. ई-सिगरेट में निकोटीन की मात्रा ज्यादा होती है और सिगरेट के समान इसमें से भी टॉक्सिक कंपाउंड निकलते हैं. ऐसा कहा जाता है कि निकोटीन के कारण हमारा ब्लड प्रेशर सामान्य से काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
अब दुकानदार और स्टॉकिस्ट क्या करें- जिन दुकानदारों और स्टॉकिस्ट के पास E-cigarettes है उसे जल्द से जल्द नजदीकी पुलिस स्टेशन में जमा कर दें या फिर जहां से इंपोर्ट की उसे वापस एक्सपोर्ट कर दें.
- अब वहीं किसी व्यक्ति ने भी ई-सिगरेट अपने पास रखी है तो उसे पुलिस स्टेशन में जमा करा दें. नहीं तो कानून के उल्लंघन पर जेल और जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है.