देश की ताज नगरी आगरा का नाम बदलने वाला है. यूपी के आगरा जिले को अग्रवन घोषित किया जा सकता है. इसको लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसा है. अखिलेश ने कहा कि यह सरकार कभी नंबर बदलती है तो कभी नाम. सरकार काम कब करेगी कोई हमें बताए.उन्होंने कहा कि आज 100 नंबर डायल करने पर 112 नंबर गाड़ी आती है. एंबुलेंस सेवा बदहाल हो चुकी है, गर्भवती महिलाएं अस्पताल नहीं पहुंच पा रही हैं.
यूपी में इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम बदला जा चुका है. बदलने के बाद अब योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही आगरा का नाम भी बदल सकती है. चर्चा है कि आगरा का नया नाम अग्रवन हो सकता है. इसके लिए सरकार ने आगरा की डॉ. अंबेडकर यूनिवर्सिटी से साक्ष्य मांगे हैं कि क्या कभी यह अग्रवन था और किन परिस्थितियों में यह आगरा हो गया. यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अरविंद दीक्षित ने इस बात की पुष्टि की है.
विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रमुख प्रफेसर सुगम आनंद ने बताया, 'शासन के पत्र के आधार पर कार्य शुरू कर दिया गया है. प्रमाण खोज जा रहे हैं कि कोई तथ्य या साक्ष्य उपलब्ध हो जाए. यदि कहीं पर अग्रवन का जिक्र भी है तो उसे भी स्थापित किया जा रहा है क्योंकि आगरा के नाम को लेकर विभिन्न मत हैं. लेकिन हम प्रमाण या फिर अभिलेख पर शोध कर रहे हैं.' वहीं, कई विद्वानों का कहना है कि आगरा गजेटियर में अग्रवन का उल्लेख मिलता है.
आगरा के इतिहासकारों के अनुसार, आगरा को प्राचीन काल में अग्रवन कहा जाता था। मुगलकाल में इसका नाम आगरा कर दिया गया. इसके पीछे उनका तर्क है कि ब्रज मंडल में अग्रवन, वृंदावन, निधिवन समेत तमाम वन थे. आज उनमें से सिर्फ वृंदावन और निधिवन बचे हैं. वहीं, कुछ विद्वानों का मत है कि एक हजार साल पहले महर्षि अंगिरा हुए थे. महर्षि अंगिरा से संबंधित होने के कारण इस शहर को पहले अंगिरा कहा जाता था. कुछ लोगों का मत है कि आगरा नगर अत्यंत प्राचीन काल में आर्यग्रह नाम से भी पहचाना जाता था. मुगल काल में इसे आगरा कहा गया। तौलमी पहला व्यक्ति था, जिसने इसे आगरा कहकर संबोधित किया था. 1506 में सिकंदर लोधी ने आगरा को व्यवस्थित रूप में बसाया. आगरा 1526 से 1658 तक आगरा मुगल साम्राज्य की राजधानी रही. फिलहाल इन सभी पहलुओं पर मंथन किया जा रहा है.
आगरा के बीजेपी विधायक रहे जगन प्रसाद गर्ग ने शहर का नाम बदलने की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने सीएम योगी को पत्र लिखकर आगरा का नाम अग्रवन करने की बात कही थी. उन्होंने इस आधार पर आगरा शहर को अग्रवन किए जाने की मांग की थी कि यहां अग्रवालों की बहुतायत है और किसी जमाने में यह महाराजा अग्रसेन की राजधानी थी. इसलिए इस शहर का नाम उनके नाम के साथ जोड़कर अग्रवन कर दिया जाए.