कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान एक वाहन द्वारा कथित तौर पर चार किसानों को कुचलने के बाद आशीष मिश्रा सहित अन्य पर हत्या और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया था। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी, हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई। शुक्रवार को आशीष लखीमपुर खीरी स्थित अपराध शाखा कार्यालय में सुबह 10 बजे पूछताछ के लिए नहीं आया, जिसके बाद पुलिस को नया समन जारी करना पड़ा और दोबारा पेश नहीं होने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
#LakhimpurKheri– As per the report from SP @kheripolice, in the investigation done in crime no. 219/21 so far, apart from one named accused, six came to light from the unknown, out of which three
— UP POLICE (@Uppolice) October 7, 2021
had died on the spot.
Out of the remaining four, two have been arrested today. pic.twitter.com/zSLg4H1jO6
लखीमपुर खीरी 3 अक्टूबर की हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष को गिरफ्तार करने के सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच, सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया बड़ा बयान उन्होंने कहा कि न्याय किया जाएगा लेकिन पर्याप्त सबूतों के बिना कोई गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। आपको बतादें तीन अक्टूबर की हिंसा, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई, को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी दबाव में कोई कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और जब कानून सभी को सुरक्षा की गारंटी दे रहा है, तो कानून हाथ में लेने की कोई जरूरत नहीं है, चाहे वे कोई भी हों।"
3 अक्टूबर की हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को बचाने के प्रयास किए जाने के आरोपों पर, मुख्यमंत्री ने कहा: “किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी लेकिन किसी के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हम आरोपों के आधार पर किसी को गिरफ्तार नहीं करेंगे। लेकिन हां, अगर कोई दोषी है तो उसे भी नहीं बख्शा जाएगा, चाहे वह कोई भी। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि किसी को गिरफ्तार करने से पहले, हमारे पास उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत होने चाहिए"।