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नटवरलाल इंजीनियर: एक साथ 3 जिलों में 3 नौकरियां, 30 साल से उठा रहा था सरकारी वेतन, ऐसे खुली पोल

[Edited By: Admin]

Saturday, 24th August , 2019 12:24 pm

यूं तो बिहार राज्य हमेशा से ही अलग-अलग तरह की सनसनीखेज खबरों की वजह से चर्चा में रहता है मगर इस बार सरकारी सिस्टम के एक कारनामे की वजह से सुर्खियों में है।
बिहार का सुरेश राम 30 साल से एक साथ तीन जिलों में तीन नौकरियां कर रहा था।वह तीन जिलों के दो विभागों के तीन पदों पर एक साथ नौकरी करता रहा और तीनों जगहों से हर माह वेतन भी उठाता रहा। लेकिन, वेतन देने की नई व्यवस्था सीएफएमएस ने उसके इस कारनामे का खुलासा किया। खुलासा होने के बाद सुरेश राम ने जहां-जहां नौकरी की और वेतन उठाया, उन तीनों जगहों पर उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है, जिसके बाद वह फरार है।

सुरेश राम किशनगंज में भवन निर्माण विभाग में सहायक अभियन्ता पद पर कार्यरत था तो वहीं सुपौल में वह जलसंसाधन विभाग के पूर्वी तटबंध भीमनगर में कार्यरत था इसके साथ ही वह बांका में ही जलसंसाधन विभाग में अवर प्रमंडल बेलहर में भी सहायक अभियन्ता के रूप में कार्यरत था।

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इतना ही नहीं, जलसंसाधन विभाग पटना में भी सुरेश राम ने नौकरी की। इस तरह तीन विभागों में तीन बार वो नियुक्त हुआ और प्रोमोशन भी लिया। यह बात खुलने पर राज्य सरकार के उपसचिव चंद्रशेखर प्रसाद सिंह ने उस पर किशनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। यहां एफआईआर हुई। इसके बाद से वह फरार है।

सीएफएमएस सिस्टम

सीएफएमएस वित्तीय प्रबंधन का एक नया तरीका है, जिसमें सॉफ्टवेयर से विभाग और संगठन अपनी आय, व्यय और संपत्ति का प्रबंधन करता है। नई व्यवस्था लागू होने से वित्त विभाग को सारी जानकारी समय-समय पर उपलब्ध होगी। सॉफ्टवेयर से महालेखाकार कार्यालय और रिजर्व बैंक को भी जोड़ा गया है जिससे ई-बिलिंग की शुरुआत भी हो गई है।

इस सिस्टम से योजना के लिए दी जाने वाली राशि और खर्च में पारदर्शिता लाई जाएगी तो वहीं, देयता को ट्रैक करने में सुविधा के साथ-साथ आय-व्यय, बहु बैंकिंग एकाउंट व्यवस्था और सभी दस्तावेजों को अपडेट किया जाता है।

इस सॉफ्टवेयर में बिहार के सभी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और अन्य कार्यो के लिए आधार कार्ड, जन्मतिथि और अन्य जानकारी डाली जाती है। जब सुरेश राम का दस्तावेज डाला गया तो मामले का खुलासा हुआ कि तीन विभाग में एक ही नाम, जन्मतिथि से एक ही व्यक्ति कार्यरत है।

किशनगंज भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता मधुसूदन कुमार कर्ण ने कहा कि उपसचिव द्वारा मिले पत्र में सुरेश राम को सारे दस्तावेज के साथ बुलाया गया। 22 जुलाई को वो शैक्षणिक कागज छोड़कर सारे कागज लेकर गया। 22 जुलाई को उसे सिंचाई विभाग में सारे कागज लेकर आने को कहा गया लेकिन सुरेश राम वहां नहीं गया और तब से वो लगातार फरार है। वहीं, किशनगंज के डीएसपी अजय कुमार झा का कहना है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है।

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