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अडानी समूह के फाइनेंशियल स्टेटमेंट पर कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने शुरुआती समीक्षा शुरू की

[Edited By: Rajendra]

Saturday, 4th February , 2023 02:34 pm

शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी समूह पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अदानी ग्रुप के मामले में विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। विपक्ष अदानी ग्रुप को दिए गए कर्ज और एलआईसी के शेयर डूबने की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) या सुप्रीम कोर्ट जजों की कमेटी की मांग कर रहा है। मोदी सरकार की तरफ से शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साफ कह दिया कि अदानी ग्रुप की दिक्कत से सरकार को लेना-देना नहीं है। हालांकि, मोदी सरकार इस मामले में चौकन्ना हो गई है।

अब अडानी समूह के फाइनेंशियल स्टेटमेंट पर कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने शुरुआती समीक्षा शुरू कर दी है। इसके साथ ही बीते कुछ साल में समूह की ओर से रेग्युलेटरी को किए गए फाइनेंस से जुड़े सब्मिशन को भी रिव्यू किया जा रहा है।

वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि विवाद के बाद अडानी समूह पर पहली बार केंद्र सरकार की ओर से इस तरह के कदम उठाए गए हैं। सूत्र ने बताया कि यह रिव्यू भारत के कंपनी अधिनियम की "धारा 206" के तहत किया जा रहा है। इसमें सरकार वर्षों से जमा किए गए वित्तीय दस्तावेजों की समीक्षा करती है, जैसे कि बैलेंस शीट, अकाउंट्स डिटेल आदि।

मिलते हैं ये अधिकार: सूत्र के मुताबिक धारा 206 के तहत भारत सरकार को किसी कंपनी से जरूरत पड़ने पर किसी तरह के दस्तावेज मांगने का अधिकार होता है। मसलन, बोर्ड मीटिंग की डिटेल, प्रोसेस और प्रपोजल की जानकारी मांगी जा सकती है। सूत्र ने बताया कि कॉर्पोरेट मामलों के महानिदेशक द्वारा जांच शुरू की गई है। मंत्रालय स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और समय पर उचित उपाय करेगा।

बता दें कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने 106 पेज की एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके बाद समूह की ओर से लगातार सफाई दी गई लेकिन ग्रुप से जुड़े शेयरों में गिरावट का दौर जारी रहा। हालांकि, शुक्रवार को लंबे समय बाद अडानी समूह की प्रमुख फर्म अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। वहीं, अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड भी आठ प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ।

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने अदानी ग्रुप के फाइनेंशियल स्टेटमेंट की समीक्षा शुरू कर दी है। कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय देख रहा है कि अदानी ग्रुप की वित्तीय स्थिति इस वक्त कैसी है। अदानी ग्रुप कई क्षेत्रों में काम करता है। विशेषज्ञों की जानकारी के मुताबिक अदानी के पास इजरायल के हाइफा और भारत के मुंद्रा समेत कई बंदरगाह हैं। इसके अलावा हवाई अड्डों की देखरेख भी अदानी ग्रुप के पास है। इन दोनों ही क्षेत्रों में कैश से कामकाज होता है। ग्रुप के शेयर्स में भले ही गिरावट दिख रही हो, लेकिन कैश का फ्लो बंदरगाह और हवाई अड्डों की वजह से फिलहाल संकट में नहीं दिख रहा है।

अदानी ग्रुप पर फिलहाल बड़ा संकट नहीं है। फिच के मुताबिक अदानी का कैश फ्लो फिलहाल आता रहेगा। ग्रुप को 2024 से 2026 तक अपनी देनदारियों का बड़ा हिस्सा चुकाना है। भारतीय बैंकों की बात करें, तो स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अदानी ग्रुप को 23000 करोड़ और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने 7000 करोड़ का कर्ज देने की बात कही है। दोनों बैंकों के मुताबिक अदानी ग्रुप अब तक कर्ज की रकम वापसी करता रहा है। वहीं, एलआईसी ने बयान जारी कर कहा था कि अदानी के शेयर्स में गिरावट के बावजूद अभी वो फायदे में है। एलआईसी ने करीब 36000 करोड़ की कीमत से अदानी ग्रुप के शेयर्स खरीदे थे। इन शेयर्स की कीमत अभी करीब 56000 करोड़ है।

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