देश के गृहमंत्री अमित शाह का आज 55वां जन्मदिन है. 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई के एक गुजराती परिवार में जन्मे अमित का राजनीतिक सफर बड़ा कठिन रहा है. उनके पिता का नाम अनिलचंद्र शाह और मां का नाम कुसुमबेन है. एक कारोबारी घराने से ताल्लुक रखने वाले अमित शाह का राजनीति में आने और बुलंदियों को छूने की कहानी दिलचस्प है.
अमित शाह की शुरुआती पढ़ाई लिखाई गुजरात के उनके गांव मान्सा में हुई. यहां से उनका परिवार अहमदाबाद शिफ्ट हो गया. आगे की पढ़ाई उन्होंने अहमदाबाद से ही की. अमित शाह ने बायो केमिस्ट्री में ग्रैजुएशन की डिग्री ली है. इसके बाद उन्होंने पीवीसी पाइप बनाने का अपना पारिवारिक कारोबार संभाला. यहां से उन्होंने शेयर बाजार में कदम रखा और शेयर ब्रोकर के तौर पर काम किया. इसके बाद जब उन्होंने राजनीति में कदम रखा तो फिर आगे ही बढ़ते गए. प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की जोड़ी राजनीति की सबसे दमदार जोड़ी के तौर पर मशहूर हुई.
राजनीति की सीढ़ियां अमित शाह के लिए आसान नहीं रही. एक कारोबारी फैमिली से आकर राजनीति में पहचान बनाने में अमित शाह को बहुत मेहनत करनी पड़ी. अस्सी के दशक में अमित शाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक से जुड़े. वो अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के कार्यकर्ता बने. 1982 में उन्हें एबीवीपी के गुजरात इकाई का संयुक्त सचिव बनाया गया.
शाह के करीबियों की मानें तो इसी दौर में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह एकसाथ आए. अहमदाबाद में आरएसएस के एक कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की मुलाकात हुई. उस वक्त मोदी आरएसएस प्रचारक के तौर पर काम कर रहे थे. वो अहमदाबाद में युवाओं के इंचार्ज से थे. यहीं पर हुई दोनों के बीच मुलाकात दोस्ती में बदल गई और यहीं से राजनीति की सबसे दमदार जोड़ी ने काम करना शुरू किया.
अपनी संगठनात्मक क्षमताओं के लिए आधुनिक दिनों की राजनीति के 'चाणक्य' कहे जाने वाले शाह को राजनीतिक क्षेत्र में काफी विशाल अनुभव हैं. 2014 में भाजपा अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति के बाद से, शाह कई राज्यों में चुनावी जीत के लिए पार्टी का नेतृत्व करने में सहायक रहे हैं खासकर के पूर्वोत्तर राज्यों में. वह 2014 में उत्तर प्रदेश के पार्टी प्रभारी थे. उन्होंने भाजपा और उसके सहयोगियों को आम चुनावों में 80 में से 73 सीटें जीतने में मदद की.
2019 के लोकसभा चुनावों में भी शाह ने भाजपा के चुनाव अभियान का प्रबंधन करने के साथ ही पार्टी के लिए जोरदार प्रचार भी किया, जिससे पार्टी ने 303 सीटें जीतती है. इसी के साथ 1971 के बाद भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ लौटने वाली पहली पार्टी बन गई. 2019 में शाह गांधीनगर से पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए और उन्हें मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया . इसी के साथ गृह मंत्रालय की कमान उनके हाथों में दे दी गई.
जुलाई-अगस्त में संसद के मानसून सत्र के दौरान, शाह ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के उद्देश्य से एक विधेयक पारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया जिसने राज्य को विशेष अधिकार दिया था.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमित शाह ने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी 90 के दशक में ही कर दी थी. 1990 में एक चुनाव के दौरान अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के पास के एक रेस्त्रां में नरेंद्र मोदी और अमित शाह बैठे थे. अमित शाह बोले- नरेंद्र भाई आप प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार रहिए. तब तक नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम भी नहीं बने थे.
यहां देखें अमित शाह की बायोग्रफी....