पेशे से वॉइसओवर आर्टिस्ट और पत्रकार जसलीन भल्ला फोनकॉल्स पर अपनी ही आवाज सुनकर ये कहती हैं कि उनकी कला आज तमाम भारतीयों को जागरूक करने के काम में आ रही है। उनके नातेदारों और रिश्तेदारों को विश्वास नहीं होता कि हर दिन जिस रिंगटोन को करोड़ों लोग अपने सेलफोन स्पीकर पर सुनते हैं उसमें आवाज जसलीन की है।
जसलीन भल्ला पहले दिल्ली एयरपोर्ट, नेशनल जियोग्राफिक चैनल, प्राइवेट अस्पताल के अलावा कई तरह के प्रमुख विज्ञापनों में अपनी आवाज दे चुकी हैं। उन्होंने बतौर स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी अलग-अलग संस्थानों के लिए कई साल तक काम किया।
जसलीन की मानें तो 'कोरोना के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए एक स्टूडियो की ओर से एक स्कि्रप्ट आई, जिसकी घर पर ही बनाए स्टूडियो में वॉयस रिकॉर्डिग की। तब तक कॉलर ट्यून के बारे में जानकारी नहीं थी। भेजने के बाद एक बार में ही यह स्कि्रप्ट स्वीकृत हुई। इसके बाद कोरोना पर ही कई और संदेश वॉयस ओवर के लिए आए।'
कोरोना पर इस संदेश को प़़ढने के पहले सिर्फ एक गाइडलाइन थी कि 'इसे प़़ढते समय जिम्मेदारी दिखनी चाहिए।' चूंकि यह संदेश हर वर्ग के लिए था इसलिए इसे प्रस्तुत करने में सिर्फ एक भाव रखा, उसे खुद के लिए महसूस किया और सहजता से प्रस्तुत किया।
कोरोना के प्रति जागरूकता फैलाने वाली इस आवाज में हमसे कहा जाता है, 'कोरोना वायरस या कोविड-19 से आज पूरा देश लड़ रहा है। मगर याद रहे हमें बीमारी से लड़ना है, बीमार से नहीं। उनसे भेदभाव ना करें। उनकी देखभाल करें और इस बीमारी से बचने के लिए जो हमारी ढाल हैं, जैसे हमारे डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारी, पुलिस, सफाई कर्मचारी आदि उनको सम्मान दें। उन्हें पूरा सहयोग दें। इन योद्धाओं की करो देखभाल तो देश जीतेगा कोरोना से हर हाल। अधिक जानकारी के लिए स्टेट हेल्प लाइन नंबर या सेंट्रल हेल्पलाइन नंबर 1075 पर करें। भारत सरकार द्वारा जनहित में जारी।'
Report By- Gaurav Shukla